सियासी जादूगर अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से पहले भी राजस्थान कांग्रेस के कई नेताओं को दिया है शिकस्त 

By अनुराग आनंद | Published: July 13, 2020 05:12 PM2020-07-13T17:12:45+5:302020-07-13T17:16:37+5:30

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने 102 से अधिक विधायकों के साथ होने की बात कही है। बैठक के बाद गहलोत सभी समर्थक विधायकों के साथ होटल रवाना हो गए हैं।

Political magician Ashok Gehlot has defeated many leaders of Rajasthan Congress even before Sachin Pilot | सियासी जादूगर अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से पहले भी राजस्थान कांग्रेस के कई नेताओं को दिया है शिकस्त 

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

Highlightsसमय-समय पर अशोक गहलोत ने राजस्थान की राजनीति में खुद को सियासी जादूगर साबित किया है।अशोक गहलोत ने हरिदेश जोशी व नटवर सिंह जैसे नेताओं को साइड कर कांग्रेस में जगह बनाया है। अशोक गहलोत 2008 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के बड़े नेता महिपाल मदेरणा व सीपी जोशी को साइड के सीएम बने थे।

जयपुर:कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने सरकार के खिलाफ काम करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं या कहें तो सचिन पायलट पर कार्रवाई का रास्ता साफ कर दिया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सरकार के खिलाफ काम करने वाले विधायकों पर कार्रवाई का प्रस्ताव पास हो गया है। अब गहलोत सचिन पायलट को लेकर जरा भी वापसी की मूड में नहीं हैं।

आज तक की मानें तो ऐसे में आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने अपनी कुर्सी के लिए संकट बने सचिन पायलट से पहले भी कई कांग्रेसी नेताओं को राजनीतिक अखाड़े में शिकस्त दी है। समय-समय पर अशोक गहलोत ने राजस्थान की राजनीति में खुद को सियासी जादूगर साबित किया है। इस बार भी मिल रही जानकारी के मुताबिक, गहलोत सरकार बचाने में सफल रहे हैं। आइये जानते हैं सचिन पायलट से पहले अशोक गहलोत ने किन कांग्रेसी नेताओं को शिकस्त दी है-
 
1998 विधान सभा चुनाव के बाद परसराम मदेरणा व नटवर सिंह को किया साइड-

1993 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में मिली हार के 5 साल बाद 1998 में कांग्रेस पार्टी पूरी तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव में उतरी थी। इस दौरान राज्य में जाट आरक्षण आंदोलन चल रहा था।

प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता व सीएम पद के दावेदार परसराम मदेरणा, नटवर सिंह व हरिदेव जोशी थे। लेकिन, पायलट ने पहले हरिदेश जोशी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी ली।

इसके बाद चुनाव में 200 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 153 सीटों पर जीतने में सफल रही। इसके बाद अशोक गहलोत ने काफी चतुराई से सीएम पद की दौड़ में परसराम मदेरणा व नटवर सिंह को पछाड़ दिया था।

परसराम मदेरणा विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी लेकर सीएम पद गहलोत को देने के लिए राजी हो गए थे। 

हरिदेश जोशी व सीपी जोशी लड़ाई में अशोक गहलोत की हुई जीत-

इसी तरह 2008 विधानसभा चुनाव में सीपी जोशी की मेहनत के बल पर कांग्रेस वसुंधरा राजे को सत्ता से बाहर करने में सफल रही। लेकिन, दुर्भाग्यवश एक वोट से सीपी जोशी अपने ही सीट पर चुनाव हार गए।

अब सीएम पद के लिए कांग्रेस के बड़े नेता महिपाल मदेरणा ने दावा ठोक दिया। इस बार फिर से अशोक गहलोत सीएम बनने में कांग्रेस आलाकमान की मदद से सफल रहे।

कुछ लोगों का मानना है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में सीपी जोशी को हराने में अशोक गहलोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। क्योंकि उनको पता था कि ऐसा होने पर वह सीएम पद पर आसानी से पहुंच जाएंगे।

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