पीएम मोदी के पीछे नहीं हटने से किसानों में बढ़ी बेचैनी, सोमवार को राज्यसभा में बोल सकते हैं प्रधानमंत्री
By हरीश गुप्ता | Published: February 6, 2021 01:10 PM2021-02-06T13:10:09+5:302021-02-06T13:11:47+5:30
किसान यूनियनों द्वारा शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' के दौरान पंजाब और हरियाणा में नए केन्द्रीय कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं.
नई दिल्लीः सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच दूरियां बरकरार रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को राज्यसभा को संबोधित करने की संभावना है.
वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का जवाब दे सकते हैं. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ दिनों में किसान यूनियनों के बीच चर्चा के बाद सरकार के प्रस्तावों पर सकारात्मक जवाब मिलेगा.
70 दिन से ज्यादा लंबे खींच चुका आंदोलन इस बीच आज भी जारी रहा. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसी ने उन्हें बातचीत के लिए प्रधानमंत्री का नंबर नहीं दिया है, तो कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्षी दल राज्यसभा में 15 घंटे की बहस में कृषि कानूनों में एक भी खामी नहीं निकाल पाए.
वरिष्ठ नेताओं की बैठक प्रधानमंत्री ने इस बीच गृहमंत्री अमित शाह, संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी, तोमर, पियूष गोयल सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ स्थिति पर चर्चा की. शाह ने प्रधानमंत्री को किसानों के शनिवार के 'चक्का जाम' से निपटने की तैयारियों की जानकारी दी.
किसान पहले ही यह कहकर बैकफुट पर आ गए हैं कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में कोई जाम नहीं लगाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक इस बीच पीएम ने साफ कर दिया है कि बजट सत्र पूर्व निर्धारित अजेंडा पर ही चलेगा. माना जा रहा है कि इसका मतलब यही है कि अगर विपक्ष के सदस्यों ने अगले हफ्ते भी सदन में हंगामा जारी रखा तो उन्हें पूरे सत्र से निलंबन का सामना करना पड़ सकता है.
टिकैत से बातचीत सूत्रों के मुताबिक सरकार ने किसान आंदोलन के प्रमुख नेता बनकर उभरे टिकैत बंधुओं से पिछले दरवाजे से बातचीत जारी रखी है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक राकेश टिकैत जहां किसान आंदोलन का चेहरा बने हुए हैं, उनके भाई नरेश भाजपा नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं.