'भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं पायलट', राजस्थान CM अशोक गहलोत ने लगाया आरोप
By भाषा | Published: July 15, 2020 01:18 AM2020-07-15T01:18:44+5:302020-07-15T05:35:52+5:30
राज्यपाल मिश्र ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से स्वीकृति प्रदान कर दी। राजभवन के बाहर गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों विधायकों को मौका दिया गया लेकिन वे न तो सोमवार व न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए।
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले छह महीने से चल रहा था। सरकारी बयान के अनुसार, गहलोत ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को बर्खास्त किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
राज्यपाल मिश्र ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से स्वीकृति प्रदान कर दी। राजभवन के बाहर गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों विधायकों को मौका दिया गया लेकिन वे न तो सोमवार व न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए। पायलट व उनके समर्थक विधायकों के हरियाणा के एक होटल में जमा होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा,' सचिन पायलट के हाथ में वहां कुछ भी नहीं हैं। वो तो खुद ही, पूरा कुनबा भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं ...जो रिजार्ट की व्यवस्था भाजपा की है, प्रबंधन भाजपा का है। इस रूप में वहां खेल चल रहा है। ऐसे खेल में सरकार के सामने आखिर चारा क्या है?' उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने से राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास चल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के मंसूबे राजस्थान में पूरे नहीं हुए। गहलोत ने कहा,' उन्होंने कर्नाटक, मध्यप्रदेश में धनबल के आधार पर जो कुछ भी खेल खेला था राजस्थान में भी वो लोग वही करना चाहते थे। खुला खेल था....और मैं समझता हूँ कि खुले खेल में वो लोग मात खा गए।' केंद्र सरकार की नरेंद्र मोदी सरकार व भाजपा पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा,'आजादी के बाद पहली बार ऐसी सरकार आई है जो धनबल के आधार पर देश के अंदर सरकारों को तोड़ रही है, मरोड़ रही है और गिरा रही है।
आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ, पहली बार लोकतंत्र खतरे में है, 70 साल हो गए सरकारें बदली हैं पर लोकतंत्र मजबूत हुआ क्योंकि सरकारें 'सुगमता से' बदली हैं।'
गहलोत ने कहा,' हमारी सरकार को अच्छा प्रशासन देना है, जो हमने वादे किये हैं जनता से , उनको निभाना है... कोविड महामारी के समय में हम लोगों ने जान लगा दी। ऐसे वक्त में सरकार गिराने की किसी की हिम्मत होना आप सोचिये दुर्भाग्यपूर्ण है कि नहीं है?' पायलट सहित तीन मंत्रियों को उनके पदों से हटाए जाने के फैसले की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि पार्टी ने मजबूर होकर यह फैसला किया है। उन्होंने कहा,' आज के फैसले से कोई खुश नहीं है, न पार्टी आलाकमान।' गहलोत ने कहा कि उन्होंने किसी की पार्टी आलाकमान से शिकायत नहीं की।