एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: पंखुड़ी पाठक ने कहा- मेरा लड़की होना ही समाजवादी पार्टी के नेताओं को खलता था
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: April 16, 2019 08:53 PM2019-04-16T20:53:38+5:302019-04-16T21:03:12+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: पंखुड़ी पाठक सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव हैं. उनकी पहचान तेज-तर्रार और तीखे वार करने वाली फायर ब्रैंड नेता के तौर पर होती है. पढ़िए लोकमत न्यूज़ से उनकी खास बातचीत.
पूर्व समाजवादी पार्टी प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक हां ही में कांग्रेस में शामिल हुई हैं। साल 2016 में सपा प्रवक्ता बनने के बाद पंखुड़ी पहली बार चर्चा में आई थीं. लेकिन अगस्त 2018 में उन्होंने सपा का दामन छोड़ दिया। पंखुड़ी पाठक सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव हैं. उनकी पहचान तेज-तर्रार और तीखे वार करने वाली फायर ब्रैंड नेता के तौर पर होती है. पढ़िए लोकमत न्यूज़ से उनकी खास बातचीत.
2019 लोकसभा चुनाव में हवा का रुख किस ओर है?
इस बार का चुनाव पिछले चुनाव से बहुत अलग है. वोटर बहुत साइलेंट हैं, जो एक लहर थी, एक उत्साह था, उस तरह से लोग किसी एक पार्टी को सपोर्ट करते हुए नहीं दिख रहे हैं. जनता बदलाव चाहती है, जो उम्मीदें थी मोदी सरकार से ज़्यादातर लोगों का ये मानना है कि वो पूरी नहीं हुई है. ये लहर वाला नहीं, बदलाव का चुनाव है.
आप सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं, आपने नरेन्द्र मोदी पर भी खुलकर वार किए हैं. क्या आप विकास विरोधी हैं?
मुझे देश से बहुत प्यार है. देश की प्रगति के खिलाफ मुझे कोई भी चीज़ लगती है, तो में उसका विरोध करती हूं. शुरू से ही मुझे बीजेपी और RSS की विचारधारा पसंद नहीं है. इस सरकार की आइडियोलॉजी मुझे पसंद नहीं. ये सरकार अपनी जवाबदेही कही नहीं समझती.
क्या प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस की डूबती नैय्या को बचा पाएंगी ?
कांग्रेस की नैय्या वापस मझदार के बीचों-बीचों आ चुकी है, कोई डूब नहीं रही है. 5 साल का बदलाव इतना भरी पड़ा है लोगों पर की, वो अब कांग्रेस की सरकार चाहते हैं. प्रियंका के आने से पार्टी को बहुत फायदा है. उनके आने से महिलओं को प्रतिनिधित्व मिल रहा है. वो महिलाओं के मुद्दे उठाने की कोशिश करती हैं. वो एक यंग फीमेल फेस हैं, जिसकी ज़रूरत कांग्रेस पार्टी को भी है और देश की राजनीति को भी है. प्रियंका की के आने से पार्टी में एक उत्साह आया है.
क्या कांग्रेस के PM उम्मीदवार राहुल गांधी ही हैं ?
कांग्रेस में हम प्रेजिडेंशियल स्टाइल ऑफ़ इलेक्शन में विश्वास नहीं रखते. बीजेपी "एक चेहरे पर एक व्यक्तित्व पर" लड़ाई करती है. कांग्रेस पार्टी एक व्यक्ति से बहुत बड़ी है. राहुल हमेशा ये कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी एक पार्टी नहीं एक विचार है. राहुल हमारे पार्टी अध्यक्ष हैं, तो पार्टी का चेहरा भी वो हैं, लेकिन हम किसी एक चेहरे को आगे रखकर चुनाव नहीं लड़ते हम मुद्दों को आगे रखकर चुनाव लड़ते हैं.
महागठबंधन बीजेपी को हराने के लिए है, या मोदी को हराने के लिए?
मुझे बीजेपी और मोदी में कोई अंतर नहीं लगता है. बीजेपी आज मोदी ही हैं. मोदी से पहले जो बीजेपी के नेता होते थे उनकी राजनीति खत्म हो चुकी है. बीजेपी में कोई ऐसा नेता नहीं है, जो अपने स्वतंत्र विचार रख सके, कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं है. भाजपा सिर्फ नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की पार्टी बनकर रह गई है. बीजेपी में हिटलर शाही है.
आपने सपा छोड़ते वक़्त लिखा था कि ब्राह्मण हैं इसलिए सपा में जगह नहीं, तो ब्राह्मणों की जगह किस पार्टी में है. क्या कांग्रेस में?
कांग्रेस एकलौती पार्टी है, जो जाति की, धर्म की राजनीति नहीं करती. हर जाति के हर धर्म के लोगों का प्रतिनिधिनत्व पार्टी में रहा है. कांग्रेस का कोई जातीय वोट बैंक नहीं है. कांग्रेस पार्टी में हर किसी की जगह है. एक महिला होने के नाते, एक युवा होने के नाते मेरी प्रमुखता कांग्रेस है. युवाओं के लिए आज कांग्रेस एक बहुत अच्छी जगह है
सपा की हालत ठीक नहीं चल रही है ? नेता जी किस खेमे में हैं ?
चुनाव के बाद पता चलेगा किसकी क्या हालत है? वो लोग अपना काम करे रहे हैं. नेताजी किस खेमे में हैं? ये एक बड़ा सवाल है, लेकिन नेताजी का एक अपना अलग ही खेमा है. मैं उनकी बहुत इज्ज़त करती हूं. नेताजी एक युग पुरुष हैं उन्हें किसी खेमे की ज़रूरत नहीं है.
महिलाओं के लिए राजनीति करना मुश्किल है ?
मुश्किल तो है, भारत में अब भी कुछ लोगों की सोच पुरुष प्रधान है और हर प्रोफेशन में है. यहां अगर हमें किसी महिला का विरोध करना होता है, तो हम उसके काम पर, राजनीति पर विरोध नहीं करते. हम उसके महिला होने पर विरोध करते हैं या वो कैसी दिखती है, रंग-रूप पर कमेंट करते हैं. वो कैसे कपड़े पहनती है. उनकी निजी ज़िन्दगी पर कमेंट करते हैं.
जब आप सपा में थीं, तब आपका महिला होना परेशानी का कारण बना?
परेशानी तो काफी आईं. एक तो मेरी उम्र कम थी. पार्टी के जो बुज़ुर्ग लोग थे. उनका कहना था कि ये कम उम्र की लड़की क्या जानती है? समाजवाद के बारे में.
क्या जानती है? हमारे मुद्दों को. कई पुरुषों को भी मुझसे परेशानी होती थी. उनको ये मौका मिला. जब मुझे सपा का प्रवक्ता चुना तो कई तरह के आरोप मुझपर लगे, जो अक्सर महिलाओं पर लगाये जाते हैं, जैसे मेरे महिला होने की वजह से मुझे फायदा मिला हो? कभी मेरी जाति पर, रंग रूप पर, मैं कैसे दिखती हूं, उस पर भी टिप्पणीं करते थे.
आपको खाली टाइम में क्या करना पसंद है? फिल्में देखती हैं आप ? घूमना फिरना पसंद है ?
मुझे घूमना फिरना बहुत पसंद है. खाने की मै बहुत शौक़ीन हूं. फिल्में देखती हूं, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं . गेम्स ऑफ थ्रोन्स की बहुत बड़ी फैन हूं. मिर्ज़ापुर भी देखा. शोज देखना, टीवी देखना पसंद है. मुझे अलिया भट्ट पसंद है. राजकुमार राव पसंद हैं. खाली टाइम में बुक पढ़ती हूं या कोई वेब सीरीज देखती हूं.