ओवैसी ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, बोले- इस सरकार की वजह से मुस्लिम महिलाओं को पीटा गया, जेल में डाला गया, विधवा और संतान विहीन बनाया गया
By गुणातीत ओझा | Published: June 1, 2020 06:49 AM2020-06-01T06:49:50+5:302020-06-01T06:49:50+5:30
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लागू कर प्रवासी कामगारों के लिए मुश्किल खड़ी करने का आरोप लगाया।
हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लागू कर प्रवासी कामगारों के लिए मुश्किल खड़ी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनियोजित लॉकडाउन की वजह से महिलाएं अपनी जान खतरे में डालने को मजबूर हुई और प्रधानमंत्री ने उनके लिए कुछ नहीं किया।
हैदराबाद सीट से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री के अनियोजित लॉकडाउन की वजह से प्रवासी महिलाएं अपनी जिंदगी खतरे में डालने को मजबूर हुईं और एक हजार किलोमीटर दूर अपने घर तक पैदल चलीं। उन्होंने (प्रधानमंत्री) उनके लिए कुछ नहीं किया।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री के मुताबिक उनकी एक उपलब्धि कठोर और सांप्रदायिक कानून है जिसमें पुलिस को मुस्लिम पुरुषों को जेल में डालने की अनुमति मिलती है। इस सरकार की वजह से मुस्लिम महिलाओं को पीटा गया, जेल में डाला गया, विधवा और संतान विहीन बनाया गया।’’
According to @PMOIndia one of his greatest achievements has been draconian & communal law that allows cops to imprison even more Muslim men
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 31, 2020
Muslim women have been beaten up, imprisoned, widowed & made childless because of this govt. This is their real record pic.twitter.com/MiQAy9YOR9
ओवैसी मुस्लिमों में प्रचलित एक साथ तीन तलाक देने के खिलाफ बनाए कानून का संदर्भ दे रहे थे जिसे दंडनीय अपराध बनाया गया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने के मौके पर ओवैसी ने तीन तलाक कानून के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की और इसे कठोर और सांप्रदायिक कानून करार दिया। इससे पहले एआईएमआईएम नेता ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का ‘असंवैधानिक’ करार दिया था।
लॉकडाउन असंवैधानिक है
इससे पहले एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने देश में कोविड-19 से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को ‘असंवैधानिक’ करार दिया था और मांग की थी कि राजग सरकार संकटग्रस्त प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए कदम उठाए। ओवैसी ने ऑनलाइन जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘यह लॉकडाउन असंवैधानिक है। भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, महामारी कानून के तहत पूरे देश को लॉकडाउन में नहीं रख सकती।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘यह संघवाद के खिलाफ है। यह राज्य का विषय है। मुझे पता नहीं कि राज्य सरकारें क्यों चुप हैं।’’ महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कुचलने से मौत की घटना का जिक्र करते हुए ओवैसी ने दावा किया था कि लॉकडाउन बिना योजना के लागू किया गया और प्रवासी श्रमिक परेशानी में हैं।