दिल्ली के अस्पताल में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज, फैसले पर घिरे CM,कपिल मिश्रा बोले- 'सबके कागज चेक करेंगे केजरीवाल'
By मनाली रस्तोगी | Published: June 7, 2020 03:06 PM2020-06-07T15:06:13+5:302020-06-07T15:06:13+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली के अस्पताल में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज होगा, जिसके बाद अब विपक्ष ने उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये फैसला लिया है कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवालों का इलाज होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अस्पताल सभी के लिए खुले रहेंगे। वहीं, सीएम केजरीवाल के इस बयान पर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। दरअसल, केजरीवाल के फैसले से विपक्ष भड़क गया है।
कपिल मिश्रा ने साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस ने भी दिल्ली सरकार पर तंज कसना शुरू कर दिया है। दरअसल, रविवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दिल्ली सरकार के 10,000 बेड हैं, जबकि केंद्र सरकार के भी 10,000 बेड हैं। कैबिनेट ने ये फैसला लिया है कि दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए रिज़र्व होने चााहिए। केंद्र सरकार के अस्पताल सबके लिए खुले रहेंगे। इसी क्रम में बीजेपी नेता कपिल शर्मा ने ट्वीट करते हुए केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अब केजरीवाल सबके कागज चेक करेंगे।
सबके कागज चेक करेगा केजरीवाल 😀 https://t.co/HBhcpvjAd6
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 7, 2020
केजरीवाल के इस बयान के बाद विपक्ष के बयानों की बाढ़ सी आ गई। वहीं, नवभारत टाइम्स के अनुसार, बीजेपी प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली सरकार का फैसला असंवेधानिक है क्योंकि यह नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन करना है। ऐसे में सरकार का ये फैसला पूरी तरह से अमानवीय है। उन्होंने कहा कि भारत में तो दूसरे देश के लोग भी इलाज कराने आते हैं। यहां पाकिस्तानी लोगों का इलाज भी डॉक्टर वैसे ही करते हैं जैसे कि हिंदुस्तानियों का होता है।
केजरीवाल सरकार पर हमलावर हुई कांग्रेस
अपनी बात को जारी रखते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि देश के किसी नागरिक को इलाज के लिए दिल्ली जाने से अरविंद केजरीवाल मना कैसे कर सकते हैं। उनकी जमींदारी नहीं है दिल्ली। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल अपना फैसला वापस लेते हुए देश के सभी नागरिकों के माफ़ी मांगे। वहीं, केजरीवाल के बयान को लेकर कांग्रेस ने भी दिल्ली सरकार पर हमला बोला।
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि इस तरह के फैसले लेने की अनुमति हमारा संविधान नहीं देता। दिल्ली में अब तक यही विकास किया गया है कि अब दिल्ली में बाहर से आकर कोई भी अपना इलाज नहीं करा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला साबित करता है कि केजरीवाल ने यहां कोई काम नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ झूठे वादे किए हैं।