संसद सत्र के पहले ही दिन प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, मीनाक्षी लेखी समेत 17 लोकसभा सांसद कोरोना पॉजिटिव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 14, 2020 03:32 PM2020-09-14T15:32:45+5:302020-09-14T15:46:40+5:30
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले व्यापक तैयारी की गई है। कोरोना संक्रमण की छाया से संसद परिसर को मुक्त रखने के लिए सांसदों, कर्मचारियों और पत्रकारों की जांच की गई है।
नई दिल्ली: संसद में मानसून सत्र शुरू होने के पहले ही दिन करीब 26 सांसदों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर आ रही है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, मीनाक्षी लेखी अनंत कुमार हेगड़े समेत दोनों सदन के 25 सांसद जांच में कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 17 सांसद लोकसभा के व 9 सांसद राज्यसभा के कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, रविवार को जांच में पांच लोकसभा सांसद कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। यही वजह है कि आज से (सोमवार) शुरू हो रहे मानसून सत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन किया गया। संसद में उन्हीं सांसदों, कार्मिकों को जाने की इजाजत है, जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होगी।
17 MPs, including Meenakshi Lekhi, Anant Kumar Hegde and Parvesh Sahib Singh, test positive for #COVID19. pic.twitter.com/sZjNbR7fCg
— ANI (@ANI) September 14, 2020
बता दें कि सांसद अपनी उपस्थिति डिजिटल माध्यम से दर्ज कराएंगे। सदन में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के शरीर के तापमान को जांचने के लिए थर्मल गन और थर्मल स्कैनर का उपयोग किया गया है। सदन के भीतर 40 स्थानों पर टचलेस सैनिटाइटर लगाए गए हैं।
असाधारण हालातों में संसद की कार्यवाही हो रही है
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि असाधारण हालातों में संसद की कार्यवाही हो रही है, सरकार का चर्चा से भागने का कोई इरादा नहीं है। जब यह मुद्दा उठा तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि शून्य काल में सांसद अपने सवाल पूछ सकते है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसका विरोध करते हुए दलील दी कि प्रश्न काल एक महत्त्वपूर्ण समय है, केवल प्रश्न काल को समाप्त कर आप लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे है। संसद की कार्रवाई शुरू होने से पहले कोरोना को लेकर सभी तैयारियाँ की गयी और केवल 172 सांसदों को एक समय में हिस्सा लेने की अनुमति दी गयी।
कार्रवाई में हिस्सा लेने वाले सभी सांसदों और संसद के कर्मियों की कोरोना जांच कराई गयी, जिनकी संख्या लगभग 4000 थी। सरकार ने अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए जो विधेयक पेश किये , कांग्रेस सहित विपक्ष ने उसका विरोध किया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह संघीय ढाँचे के खिलाफ काम कर रही है।
जो कार्य राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं उनमें केंद्रीय सरकार दखल दे रही है
राज्यों को विश्वास में नहीं लिया गया, जो कार्य राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं उनमें केंद्रीय सरकार दखल दे रही है। किसानों को लेकर लाये गए विधेयक पर कांग्रेस के गोगोई, अधीर रंजन चौधरी और शशि थरूर ने अपना विरोध जताते हुए आरोप लगाया कि ये विधेयक किसान विरोधी है और उद्योगपतियों को किसानों का शोषण करने वाला है।
सरकार का इरादा 23 विधेयकों को पारित कराने का है जबकि इसमें 11 ऐसे विधेयक शामिल हैं जिन पर सरकार पहले ही अध्यादेश ला चुकी है। इनमें 4 कृषि क्षेत्र से और 1 बैंकिगं से जुड़ा है। सबसे हैरानी की बात तो यह थी कि सांसदों ने जो लिखित प्रश्न पूछे उनमें 60 - 70 प्रश्न लॉक डाउन, मज़दूरों के पलायन, कोरोना और बेरोज़गारी से जुड़े थे लेकिन सरकार की तरफ से इन सवालों के जवाब में न तो कोई आंकड़ा दिया गया और ना ही कोई ठोस उत्तर। सरकार केवल यह बताती रही कि उसने लोगों की कितनी मदद की है। संसद के बाहर गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार जो विधेयक लेकर आयी है वे किसानों को तबाह करने वाले है।