बयान से हुआ खिलवाड़ तो भड़के उमर अब्दुल्ला, कहा- 'मैंने कहा था कि मैं कश्मीर के लिए चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन आलसी पत्रकारों ने...'
By पल्लवी कुमारी | Published: July 29, 2020 09:39 AM2020-07-29T09:39:44+5:302020-07-29T09:40:18+5:30
उमर अब्दुल्ला पिछले साल पांच अगस्त को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को निरस्त किए जाने की आलोचना की थी और कहा था कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में इसका विरोध करेगी। उन्होंने कहा था, हम लोकतंत्र में और शांतिपूर्ण विपक्ष में विश्वास रखते हैं।
श्रीनगर:नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्म-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वह राज्य का दर्जा बहाल होने तक जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उमर अब्दुल्ला के इस बयान को लेकर उनकी पार्टी में मतभेद चल रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता रुहुल्ला मेहदी ने पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा देने की मांग से पीछे हट गए हैं।
उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (28 जुलाई) को देर रात ट्वीट कर कहा कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ''मैंने सिर्फ इतना कहा था कि जम्मू-कश्मीर राज्य का सीएम होने के नाते मैं केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा। सिर्फ इतना ही कहा था, इससे न कम न ज्यादा। लेकिन बाहर के लोग हल्ला मचा रहे हैं कि मैं जम्मू-कश्मीर को राज्य बनाने की मांग कर रहा हूं।'
I’ve simply said that having been CM of the STATE of J&K I will not fight an assembly election to the assembly of the UT of J&K. That’s it. No more no less! That’s a far cry from saying I’m demanding statehood be restored.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 28, 2020
अपने एक अन्य ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''मैं इससे असहमत हूं, यह कहने में कोई समस्या नहीं है। मैंने कहा और किया लेकिन जब आप कोई कुछ खोज करते हैं और मेरी मुंह में कोई शब्द लेकर मेरे ऊपर ही हमला करते हैं तो यह मेरे बारे में तुम्हारे बारे में उससे कहीं ज्यादा है। आप सब आलसी पत्रकारों और टिप्पणीकारों से मैं ये पूछता हूं कि कृपया मुझे दिखाएं कि मैंने कब कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाए रखने की मांग की है?''
Haters will hate & nothing will change that. There are a few people from whom I expected better but disappointment is part of politics & one has learnt to live with it. Life goes on.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 28, 2020
अपने एक अन्य ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने लिखा,''नफरत वाले सिर्फ नफरत करेंगे और कुछ भी नहीं बदलेगा। कुछ लोग हैं जिनसे मैं कुछ अच्छे की उम्मीद कर सकता हूं। उदासीनता राजनीति का एक हिस्सा है और हर किसी को इसके साथ जीना सीखना चाहिए। जीवन चलता रहेगा।''
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कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश में बदले जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार (27 जुलाई) को कहा कि वह राज्य का दर्जा बहाल होने तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए काम करते रहेंगे।
उमर ने पीटीआई-भाषा से कहा था, मैं राज्य की विधानसभा का नेता रहा हूं। अपने समय में यह सबसे मजबूत विधानसभा थी। अब यह देश की सबसे शक्तिहीन विधानसभा बन चुकी है और मैं इसका सदस्य नहीं बनूंगा।
उन्होंने कहा था, यह कोई धमकी या ब्लैकमेल नहीं है, यह निराशा का इजहार नहीं है। यह एक सामान्य स्वीकारोक्ति है कि मैं इस तरह की कमजोर विधानसभा, केंद्रशासित प्रदेश की विधानसभा का नेतृत्व करने के लिए चुनाव नहीं लड़ूंगा।
संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के मुखर आलोचक उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि विशेष दर्जा खत्म करने के लिए कई कारण गिनाए गए थे, और दावा किया कि उनमें से किसी भी तर्क की कोई जांच नहीं की गयी।
विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले पर उन्होंने अपनी पार्टी के भीतर चर्चा की है क्या, इस बारे में पूछे जाने पर उमर ने कहा, यह मेरी निजी राय है और यह मेरा फैसला है। मेरी इच्छा के विरूद्ध कोई भी चुनाव लड़ने के लिए मुझपर जोर नहीं डाल सकता।
जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा परिसीमन कवायद के बारे में पूछे जाने पर उमर ने कहा, नेशनल कॉन्फ्रेंस पिछले साल पांच अगस्त के बाद के घटनाक्रम और फैसलों को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी विकल्पों को खंगाल रही है और आगे भी यही करेगी ।’’ परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव हो पाएंगे।