पीएम मोदी के खिलाफ बोलने पर भाजपा विधायक को नोटिस, पार्टी उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं करे?
By भाषा | Published: October 4, 2019 07:24 PM2019-10-04T19:24:26+5:302019-10-04T19:24:26+5:30
पार्टी की केंद्रीय अनुसाशन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने नोटिस जारी करते हुए कहा है, ‘‘पार्टी नेताओं तथा पार्टी के खिलाफ आपकी मंशा, बयानबाजी एवं आरोप पार्टी अनुशासन का घोर उल्लंघन है जैसा कि भारतीय जनता पार्टी के संविधान एवं नियमों में परिभाषित है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी पर गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने शुक्रवार को विजयपुरा के भाजपा विधायक बी पाटिल यतनाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
पार्टी की केंद्रीय अनुसाशन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने नोटिस जारी करते हुए कहा है, ‘‘पार्टी नेताओं तथा पार्टी के खिलाफ आपकी मंशा, बयानबाजी एवं आरोप पार्टी अनुशासन का घोर उल्लंघन है जैसा कि भारतीय जनता पार्टी के संविधान एवं नियमों में परिभाषित है।’’
Bharatiya Janata Party issues show cause notice to party's Karnataka MLA Basanagouda Patil Yatnal for his 'utterances against the party & its leaders.' The party has asked for an explanation within 10 days. (File pic) pic.twitter.com/xBJfQEv8ed
— ANI (@ANI) October 4, 2019
पार्टी नेतृत्व ने एक अक्टूबर से तीन अक्टूबर के बीच उनके सार्वजनिक बयानों का संज्ञान लिया है। पार्टी ने इस बात का संज्ञान लिया है कि उन्होंने कर्नाटक के लिए बाढ़ राहत के मकसद से भाजपा द्वारा किए जा रहे भारी प्रयासों को बदनाम किया है।
नोटिस में विधायक से कहा गया है कि उन्होंने लोगों को सुझाव देकर एवं पार्टी नेताओं की पिटाई कर उन्हें सबक सिखाने की बात कह उन्हें उकसाया और इस प्रकार हिंसा को बढ़ावा दिया तथा झूठ फैलाकर लोगों के बीच अशांति फैलाने का प्रयास किया।
इस प्रकार उन्होंने पार्टी एवं उसके नेताओं को धमकाने का प्रयास किया। इसमें यह भी कहा गया है कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ झूठ बोला था। पाटिल ने विजयुपरा में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैं आज ही प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर बाढ़ की स्थिति से उन्हें अवगत कराने के लिए उनसे समय देने का आग्रह करूंगा।’’ पाठक ने यतनाल से कहा है कि वह नोटिस मिलने के दस दिन के भीतर स्पष्टीकरण दे कि पार्टी उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं करे ?