नंदीग्राम विधानसभा सीटः कांग्रेस-वाम महागठबंधन ने मीनाक्षी मुखर्जी को टिकट दिया, ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी से मुकाबला
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 10, 2021 07:15 PM2021-03-10T19:15:26+5:302021-03-10T19:18:28+5:30
Nandigram Assembly seat: विश्व में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित एवं सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली कम्युनिस्ट सरकार को हरा कर इतिहास रचने के करीब एक दशक बाद तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर खड़ी हैं।
Nandigram Assembly seat: पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा नीत विपक्ष के महागठबंधन ने नंदीग्राम सीट से बुधवार को माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी को टिकट देने की घोषणा की।
इस सीट पर मुखर्जी का मुकाबला मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी तथा भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से होगा। नंदीग्राम सीट पर सब की नजरें हैं, क्योंकि बनर्जी अपने पूर्व सहयोगी अधिकारी की चुनौती को स्वीकार कर यहां से चुनाव लड़ रही हैं।
वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने हमला बोला
वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने नंदीग्राम सीट से वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर मुखर्जी के नाम की घोषणा की। ममता बनर्जी ने बुधवार को नंदीग्राम विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया और जीतने का विश्वास जताते हुए कहा कि वह नंदीग्राम से कभी खाली हाथ नहीं लौटी हैं।
इस सीट पर उनका मुकाबला पूर्व में अपने सहयोगी और अब भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से होगा। बनर्जी ने तृणमूल प्रदेश अध्यक्ष सुव्रत बक्शी की उपस्थिति में हल्दिया सब डिविजनल कार्यालय में नामांकन दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने दो किलोमीटर लंबे रोड शो में हिस्सा लिया और एक मंदिर में पूजा अर्चना की।
नामांकन दाखिल करने में बाद बनर्जी एक और मंदिर गईं
नामांकन दाखिल करने में बाद बनर्जी एक और मंदिर गईं। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि मैं नंदीग्राम सीट से जीत हासिल करूंगी। मैं आसानी से भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ सकती थी। मैं जब जनवरी में नंदीग्राम आई थी तब यहां से कोई विधायक नहीं था क्योंकि तत्कालीन विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। मैंने आम लोगों के चेहरे को देखा और यहां से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।” पूर्वी मिदनापुर जिला परिषद के उपाध्यक्ष शेख सुफियान को बनर्जी का चुनाव एजेंट नियुक्त किया गया है।
बनर्जी ने कहा, “मैं यहां से कभी खाली हाथ नहीं लौटी। नंदीग्राम केवल एक नाम नहीं है यह एक आंदोलन का नाम है। मैं सभी का नाम भूल सकती हूं लेकिन नंदीग्राम का नाम नहीं भूल सकती। मेरे लिए इस स्थान का इतना महत्व है।” तृणमूल अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस बार सिंगूर या नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का मन बनाया था। यह दोनों स्थान 2011 में भूमि अधिग्रहण के विरोध में हुए आंदोलन का केंद्र थे।
भवानीपुर सीट छोड़ने के बाद पहली बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं
उन्होंने कहा, “मैं एकदम स्पष्ट रूप से कहती हूं कि इस स्थान को कोई भी धर्म के आधार पर बांट नहीं सकता। नंदीग्राम आंदोलन के समय सभी समुदायों ने इसमें भाग लिया था। जो आज इसकी विरासत के बारे में भाषण दे रहे हैं वह उस समय कहीं नहीं थे जब यहां हिंसा हो रही थी। मैं अकेले लड़ रही थी।”
मुख्यमंत्री कोलकाता की भवानीपुर सीट छोड़ने के बाद पहली बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने नंदीग्राम में एक घर किराए पर लिया है जहां से वह चुनाव प्रचार करेंगी। इस सीट पर उनका मुकाबला अधिकारी से है जो हाल ही में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। अधिकारी ने बनर्जी को “बाहरी” करार देते हुए खुद को “भूमिपुत्र” बताया। वह नंदीग्राम से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
(इनपुट एजेंसी)