MP Taza Khabar: ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे की विधायक इमरती देवी ने इस्तीफे के बाद दिया बयान, कहा-'भले ही कुएं में कूदना पड़े...'
By अनुराग आनंद | Published: March 11, 2020 08:45 PM2020-03-11T20:45:51+5:302020-03-11T20:45:51+5:30
इमरती देवी ने कहा, ''सभी 22 विधायक अपनी मर्जी से यहां (बेंगलुरु में) हैं। हमें खुशी है कि सिंधिया जी ने यह निर्णय लिया है।"
भोपाल: ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) खेमे की विधायक इमरती देवा ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सिंधिया के भाजपा ज्वॉइन करने के बाद कहा कि वह अपने इस्तीफे वाली फैसले से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनकी कभी नहीं सुनी थी। ज्योतिरादित्य के बीजेपी में जाने से भी वो बहुत खुश हैं।
इमरती देवी ने कहा, ''सभी 22 विधायक अपनी मर्जी से यहां (बेंगलुरु में) हैं। हमें खुशी है कि सिंधिया जी ने यह निर्णय लिया है। मैं हमेशा उसके साथ रहूंगा भले ही मुझे कुएं में कूदना पड़े। जब हम कांग्रेस में थे, कमलनाथ जी ने हमें कभी नहीं सुना।''
Imarti Devi, recently resigned Congress MLA from Madhya Pradesh: All 22 MLAs are here (in Bengaluru) on their own will. We're happy Scindia ji has taken this decision. I'll always stay with him even if I had to jump in a well. When we were in Congress,Kamal Nath ji never heard us pic.twitter.com/rz8hqIJSgj
— ANI (@ANI) March 11, 2020
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश में उपमुख्यमंत्री के पद की पेशकश की गई लेकिन वह अपने नामित व्यक्ति को इस पद पर चाहते थे, कमलनाथ ने ‘चेला' स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सिंधिया राज्यसभा के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते थे लेकिन अति महत्वाकांक्षी नेता को ‘केवल मोदी-शाह' मंत्री पद दे सकते हैं।
दिग्विजय सिंह ने बुधवार (11 मार्च) को कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, जिन्होंने कल कांग्रेस छोड़ दी उन्हें बिल्कुल दरकिनार नहीं किया गया है। सिंह ने ट्विटर पर कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग में पिछले 16 महीनों में उनकी सहमति के बिना कुछ भी नहीं हुआ।
एक समाचार चैनल की क्लिप को रिट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'कोई सवाल पैदा ही नहीं होता, उन्हें बिल्कुल भी दरकिनार नहीं गया था। वास्तव में, मध्य प्रदेश के किसी भी कांग्रेस नेता से पूछें तो आपको पता चलेगा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में विशेष रूप से पिछले 16 महीनों में उनकी सहमति के बिना इस क्षेत्र में कुछ भी इधर से उधर नहीं हुआ। ये दुखद है, लेकिन मैं उन्हें मोदीशाह का संरक्षण मिलने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।'
बता दें, बीते दिन मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केवल 88 विधायक पहुंचे थे और 26 विधायक अता-पता नहीं चला। इन 26 विधायकों में से 22 विधायकों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बीते दिन पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हालांकि कांग्रेस ने भी पार्टी के खिलाफ की जा रही गतिविधियों के चलते उन्हें निष्कासित कर दिया। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आज बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि उनके बीजेपी ज्वॉइन करने को लेकर कोई आधिकारिक समय या तारीख की घोषणा नहीं की गई है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।