MP Political Crisis: बीजेपी विधायक राज्यपाल लालजी टंडन से मिले, शिवराज सिंह चौहान ने कहा- जल्द करवाएं फ्लोर टेस्ट, अल्पमत में है सरकार
By रामदीप मिश्रा | Published: March 16, 2020 01:51 PM2020-03-16T13:51:48+5:302020-03-16T13:51:48+5:30
MP Political Crisis: मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमने आज राज्यपाल को 106 विधायकों का हलफनामा सौंपा है। आज उनके सामने बीजेपी के सभी विधायक मौजूद थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट न होने और सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दिए जाने के बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बेहद नाराज है। बीजेपी सबसे पहले सु्प्रीम कोर्ट पहुंची, जहां उसने जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण करवाने के लिए याचिका दायर की। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पार्टी के तमाम विधायकों ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की।
इस दौरान बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर उनसे जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट आयोजित करने का आदेश देने का अनुरोध किया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार ने बहुमत खो दिया है और उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। फ्लोर टेस्ट होना चाहिए और बहुमत की सरकार यहां बने।
वहीं, मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमने आज राज्यपाल को 106 विधायकों का हलफनामा सौंपा है। आज उनके सामने बीजेपी के सभी विधायक मौजूद थे।
इससे पहले कमलनाथ सरकार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश देने के अनुरोध के साथ शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। राज्य के पूर्व महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने यह जानकारी दी। राज्य में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में यह याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री को 16 मार्च को सदन में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया था, लेकिन इस निर्देश का कथित रूप से पालन नहीं किया गया है।
राज्यपाल द्वारा शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिए जाने का हवाला देते हुए बीजेपी ने अभिभाषण के बीच शक्ति परीक्षण कराने की मांग की थी। राज्यपाल को सदन में अभिभाषण पढ़ते हुए एक मिनट ही हुआ था कि बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ऐसी सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे हैं जो अल्पमत में है। हालांकि राज्यपाल ने विधायकों से अपील की कि वह नियमों का पालन करें और शांति से काम लें। उन्होंने विधायकों से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए संवैधानिक परंपराओं का पालन करने का आग्रह किया। इस अपील के बाद राज्यपाल सदन से बाहर निकल गए।
हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने व्यापक जनहित में 26 मार्च तक सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी। 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होना है।
गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए। उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है।