MP Ki Taja Khabar: पूर्व कांग्रेस सरकार के रुख के चलते मध्य प्रदेश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े, बीजेपी नेता ने लगाये ये आरोप
By भाषा | Published: April 18, 2020 08:37 PM2020-04-18T20:37:43+5:302020-04-18T20:37:43+5:30
पूर्ववर्ती कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार विधानसभा में बहुमत खो देने के बाद 20 मार्च को सत्ता से बाहर हो गई थी, जिसके बाद भाजपा के चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लेकिन उन्होंने अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं किया।
नयी दिल्ली: भाजपा के एक शीर्ष नेता एवं मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य कार्यबल के संयोजक ने दावा किया है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अत्यधिक तेजी से इसलिए बढ़े कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने तबलीगी जमात के सदस्यों की जांच नहीं कराई और महामारी के शुरूआती दिनों में वह फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन करने में व्यस्त रही। मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फौरन ही अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार इसलिए नहीं किया कि प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता महामारी से निपटने और किसी अन्य मुद्दे पर समय बर्बाद नहीं करने की थी।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस मुद्दे पर भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा था कि वह (भाजपा) राज्य के लोगों को बेवकूफ बना रही है, जहां महामारी के दौरान न तो मंत्रिमंडल है ना ही कोई स्वास्थ्य मंत्री है। पूर्व मुख्यमंत्री पलटवार करते हुए शर्मा ने पीटीआई भाषा को भोपाल से फोन पर कहा कि तत्कालीन कमलनाथ नीत सरकार ने तबलीगी जमात के लोगों को राज्य में प्रवेश करने दिया और उनकी कोविड-19 संक्रमण की जांच नहीं कराई।
उन्होंने कहा कि वह इसकी जांच करेंगे और इसका भी पता लगाएंगे कि क्या किसी रोहिंग्या को को जमात के सदस्यों के साथ राज्य में प्रवेश करने दिया गया। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमें संदेह है कि रोहिंग्या शरणार्थियों ने तबलीगी जमात के सदस्यों की मदद से भोपाल और इंदौर में प्रवेश किया होगा।’’ उन्होंने कहा कि कार्यबल ने शुक्रवार को यह फैसला लिया कि इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने दावा किया कि राज्य में स्थिति अभी नियंत्रण में है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मार्च महीने में तबलीगी जमात के एक धार्मिक कार्यक्रम में देश-विदेश से हजारों लोग शामिल हुए थे।
बाद में, यह इलाका कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा ‘हॉटस्पाट’ (अत्यधिक संक्रमण वाला स्थान) बन कर उभरा । साथ ही, इन लोगों में से कई के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई। शर्मा ने कहा, ‘‘मैं यह आरोप लगा रहा हूं कि तबलीगी जमात सदस्यों के डर के चलते आपने अनधिकृत रूप से उनकी मदद की।’’ राज्य के स्वास्थ्य कार्यबल के संयोजक बनाये गये शर्मा ने दावा किया, ‘‘आपने उन्हें (राज्य में) प्रवेश करने दिया और उन्हें ठहरने की इजाजत दी तथा उनकी कोई मेडिकल जांच नहीं कराई।’’ पूर्ववर्ती कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार विधानसभा में बहुमत खो देने के बाद 20 मार्च को सत्ता से बाहर हो गई थी, जिसके बाद भाजपा के चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लेकिन उन्होंने अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं किया।
खजुराहो से भाजपा सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रिमंडल में विस्तार करने के बजाय कोरोना वायरस महामारी से निपटने को प्राथमिकता दी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में अब तक संक्रमण के 1,360 मामले सामने आ चुके हैं और 69 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें केवल इंदौर में ही 892 मामले सामने आये और वहां 47 लोगों की मौत हुई। शर्मा ने यह आरोप भी लगाया कि मध्य भारत के इस राज्य में कोविड-19 मामलों की अधिक संख्या के लिये एक अन्य कारण यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और तत्कालीन मुख्य सचिव एस आर मोहंती ने इंदौर के पूरे प्रशासनिक एवं पुलिस तंत्र को अंतरराष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार (आइफा) समारोह सुगमता से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘यह सबसे बड़ी गलती थी...क्योंकि आइफा को प्राथमिकता दी गई, ना कि कोरोना वायरस को। पूर्व मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया। उनके कहने पर इंदौर प्रशासन ने कार्यक्रम संचालित करने को प्राथमिकता दी। इंदौर का समूचा प्रशासन आइफा आयोजित करने में जोर शोर से लगा रहा।’’ उन्होंने कहा कि इसके दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम का न सिर्फ इंदौर को बल्कि समूचे मप्र को सामना करना पड़ रहा है। इंदौर देश में कोरोना वायरस संक्रमण से बुरी तरह से प्रभावित शहरों में शामिल है। शर्मा ने आरोप लगाया, ‘‘कल तक, इंदौर में संक्रमण के 707 मामले सामने आये थे और लगभग 600 मामले तबलीगी जमात से संबद्ध हैं।’’
आइफा फिल्म समारोह मार्च में इंदौर में होना था, जिसका एक सत्र भोपाल में भी होना था। शर्मा ने कमलनाथ से सवाल किया, ‘‘भोपाल में भी, आपने देखा कि क्या हुआ। चिकित्सकों, पुलिसकर्मियों पर हमले किये गये ।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ नीत सरकार ने राज्य में कोविड-19 से जुड़ा कोई चिकित्सा केंद्र नहीं बनाया।
यह पूछे जाने पर कि राज्य की राजधानी भोपाल में इतनी अधिक संख्या में स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी संक्रमित क्यों हुए हैं, शर्मा ने कहा कि यह इसलिए हुआ कि वे लोग संक्रमण के संदिग्ध लोगों और मरीजों का पता लगाने के लिये जोर शोर से लगे हुए हैं। गौरतलब है कि चार आईएएस अधिकारी और कुछ चिकित्सकों सहित मप्र स्वास्थ्य विभाग के करीब 89 कर्मी संक्रमित पाये गये हैं।