मानसून सत्रः अभी तक नहीं मिला 17वीं लोकसभा को उपाध्यक्ष, अधीर रंजन ने बिरला को लिखा पत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 9, 2020 07:04 PM2020-09-09T19:04:08+5:302020-09-09T19:04:08+5:30
सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता ने यह भी कहा कि 17वीं लोकसभा के अस्तित्व में आने के बाद से ही उपाध्यक्ष का पद खाली पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि मानसून सत्र में ही उपाध्यक्ष का चुनाव हो। मैं आशा करता हूं कि आपके मार्गदर्शन में संवैधानिक व्यवस्था का पालन किया जाएगा।’’
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि आगामी मानसून सत्र में ही सदन के उपाध्यक्ष पद को भरा जाए।
सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता ने यह भी कहा कि 17वीं लोकसभा के अस्तित्व में आने के बाद से ही उपाध्यक्ष का पद खाली पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि मानसून सत्र में ही उपाध्यक्ष का चुनाव हो। मैं आशा करता हूं कि आपके मार्गदर्शन में संवैधानिक व्यवस्था का पालन किया जाएगा।’’ मानसून सत्र 14 सितंबर से आरंभ हो रहा है। चौधरी ने कहा कि परंपरा के अनुसार उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता है और इसके कई उदाहरण भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक नयी लोकसभा के वजूद में आने के बाद उपाध्यक्ष का पद जल्द से जल्द भरा जाता है।’’ उनके मुताबिक, एक साल बीत गए, लेकिन लोकसभा का उपाध्यक्ष खाली पड़ा है। पिछली लोकसभा में अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरै को निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना गया था।
Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury has written to Lok Sabha Speaker saying, "Already a year has elapsed but still the Lok Sabha is deprived of having a Deputy Speaker, Dy Speaker of the House must be elected during the Monsoon Session itself." pic.twitter.com/70PLr2zRlg
— ANI (@ANI) September 9, 2020
अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से बंगाल के जिलों को बाहर रखने पर सवाल उठाया
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभार्थियों की सूची में पश्चिम बंगाल के किसी भी जिले को शामिल नहीं करने के केंद्र के औचित्य पर बुधवार को सवाल उठाया। चौधरी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र मुर्शिदाबाद में कहा कि केंद्र ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए देश भर में 116 जिलों की पहचान की है।
उन्होंने कहा कि 50,000 करोड़ रूपये की इस केंद्रीय योजना के तहत 25,000 से अधिक प्रवासी श्रमिक वाले जिले सूची में शामिल किये जाने के लिए पात्र हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़ों के हिसाब से लॉकडाउन के बाद से 11 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक पश्चिम बंगाल लौटे हैं।
चौधरी के अनुसार उन्होंने इस विषय पर स्वयं ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और गृहमंत्री एवं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों का ब्योरा दिया था। कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने बंगाल के जिलों को प्रधानंमत्री गरीब कल्याण योजना के लाभार्थियों की सूची से बाहर रखने के संबंध में बनर्जी को फिर से पत्र लिखा है।