‘मोदीनॉमिक्स’ (मोदी के अर्थशास्त्र) ने इतना नुकसान कर दिया कि सरकार को अपनी ही रिपोर्ट छिपानी पड़ रही हैः राहुल
By भाषा | Published: November 15, 2019 03:05 PM2019-11-15T15:05:23+5:302019-11-15T15:05:23+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत में 2011-12 में एक व्यक्ति द्वारा खर्च की गई औसत राशि 1501 रुपये थी, जो 2017-18 में 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 1446 रुपये हो गई।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रति व्यक्ति द्वारा खर्च की औसत राशि में गिरावट से जुड़ी खबर को लेकर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘मोदीनॉमिक्स’ (मोदी के अर्थशास्त्र) ने इतना ज्यादा नुकसान कर दिया है कि अब सरकार को अपनी ही रिपोर्ट छिपानी पड़ रही है।
गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मोदीनॉमिक्स ने इतना ज्यादा नुकसान कर दिया है कि अब सरकार को अपनी ही रिपोर्ट छिपानी पड़ रही है।’’ उन्होंने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत में 2011-12 में एक व्यक्ति द्वारा खर्च की गई औसत राशि 1501 रुपये थी, जो 2017-18 में 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 1446 रुपये हो गई।
Modinomics stinks so bad, the Govt has to hide its own reports. pic.twitter.com/mnXXBEQEFM
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 15, 2019
इस रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति मासिक खपत व्यय (एमपीसीई) के आंकड़े वास्तविक संदर्भ में हैं यानी इन्हें 2009-10 को आधार वर्ष मानकर महंगाई के हिसाब से समायोजित किया गया था। 2011-12 में वास्तविक एमपीसीई दो साल की अवधि में 13 फीसदी बढ़ा था।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा है।