शहरों के लिए मनरेगा जैसी योजना और पूरे देश में ‘न्याय’ लागू किया जाए: राहुल गांधी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 11, 2020 10:33 AM2020-08-11T10:33:32+5:302020-08-11T10:35:50+5:30
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि देशभर के गरीब वर्ग के लिए न्याय लागू करना आवश्यक हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा समय में शहरों में बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों की मदद के मकसद से ‘मनरेगा’ जैसी योजना और पूरे देश में गरीबों के लिए ‘न्याय’ लागू करने की जरूरत है। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के समय राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना (न्याय) का वादा किया था, कहा था कि सत्ता में आने पर वह पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72-72 हजार रुपये देगी।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘ शहर में बेरोज़गारी की मार से पीड़ितों के लिए मनरेगा जैसी योजना और देशभर के गरीब वर्ग के लिए न्याय लागू करना आवश्यक हैं। ये अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत फायदेमंद होगा।’’ राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘क्या सूट-बूट-लूट की सरकार ग़रीबों का दर्द समझ पाएगी?’’
शहर में बेरोज़गारी की मार से पीड़ितों के लिए MGNREGA जैसी योजना और देशभर के ग़रीब वर्ग के लिए NYAY लागू करना आवश्यक हैं। ये अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2020
क्या सूट-बूट-लूट की सरकार ग़रीबों का दर्द समझ पाएगी? pic.twitter.com/jR6mqI96S7
इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) के मसौदे को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर से निशाना साधा और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद ‘देश की लूट’ है। कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘यह एक और ख़ौफ़नाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट वाले ‘मित्रों’ के लिए क्या-क्या करती आ रही है।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘देश की लूट और पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिए ईआईए-2020 का मसौदा वापस लिया जाना चाहिए।’’ उन्होंने रविवार को भी लोगों से अपील की थी कि वे नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 मसौदे के खिलाफ प्रदर्शन करें क्योंकि यह “खतरनाक” है और अगर अधिसूचित होता है तो इसके दीर्घकालिक परिणाम “विनाशकारी” होंगे। गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल मार्च में ईआईए के मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी और इस पर जनता से सुझाव मांगे गए थे। इसके तहत अलग-अलग परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं।