मोदी सरकार के कृषि संबंधी विधेयकों के खिलाफ मंत्री हरसिमरत कौर बादल देंगी इस्तीफा, लोकसभा में बोले सुखबीर सिंह बादल
By अनुराग आनंद | Published: September 17, 2020 08:11 PM2020-09-17T20:11:09+5:302020-09-17T20:18:36+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि संबंधी विधेयक से नाराज शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत अपने मंत्री पद से इस्तीफा देंगी।
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर लिए गए फैसले के खिलाफ एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अपने मंत्री पद से इस्तीफा देंगी।सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में इस विधेयक के खिलाफ बोलते हुए इस बात की जानकारी दी है।
#HarsimratKaurBadal's resignation. pic.twitter.com/gJxMCnaPyR
— NDTV (@ndtv) September 17, 2020 ">एनडीटीवी की मानें तो अकाली दल ने कहा कि सरकार का यह फैसला किसानों के खिलाफ है। हमारी पार्टी किसानों के साथ है और हम इस बिल के विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। यही नहीं सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम इस विधेयक में किसानों के खिलाफ लिए गए फैसले को लेकर पूरी तरह से बिल को तुरंत खारिज करने की सरकार से अपील करते हैं।\मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ पंजाब के किसानों में भारी गुस्सा-
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले से पंजाब के किसानों में सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है। पिछले दिनों राज्य में किसानों ने कृषि विधेयक के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन किया। इस दौरान कई स्थानों पर सड़कों को जाम किया और चेतावनी दी कि संसद में अगर राज्य का कोई सांसद इस विधेयक का समर्थन करेगा तो उसे गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।
कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ बता प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पंजाब के विभिन्न स्थानों पर करीब दो घंटे तक राजमार्ग और अन्य अहम सड़कें बाधित की जिससे आम यात्रियों को परेशानी हुई क्योंकि प्रशासन ने यातायात का मार्ग परिवर्तित किया था।
केंद्र सरकार ने खाद्य एवं कृषि सुधार विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया। इस प्रस्तावित विधेयक में अधिसूचित कृषि मंडियों के बाहर कृषि उत्पादों को बिना किसी बाधा बेचने का प्रावधान है और किसानों को कृषि उत्पादन और बिक्री के लिए निजी संस्थाओं से समझौता करने के लिए सशक्त किया गया है।
जानें इस मामले में पंजाब के किसानों का क्या कहना है-
पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल गुट) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा, ‘‘संसद में जो भी सांसद कृषि विधेयकों का समर्थन करेगा उन्हें गांव में प्रवेश करने नहीं दिया जएगा और हम उन्हें सबक सिखाएंगे।’’
उन्होंने विधेयकों को कोरोना वायरस से भी खराब करार देते हुए कहा कि अगर यह लागू होता है तो किसानों, आढ़तियों और खेतीहर मजदूरों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। लुधियाना के नीलोन सेतु पर अन्य किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे लखोवाल ने कहा कि उन्हें प्रत्येक सांसद के समर्थन की जरूरत है क्योंकि केंद्र सरकार इसे पारित कराने पर अमादा है जो किसान समुदाय के हितों के खिलाफ है।
विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सम्पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा: सरकार
निचले सदन में चर्चा का जवाब देते हुए उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सम्पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा, किसान मजबूत होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में कारोबार अनुकूल माहौल बनाने और ‘‘ वोकल फार लोकल’’ को मजबूत बनाया जायेगा । मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनो को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी । यह विधेयक संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है । इस अध्यादेश को 5 जून 2020 को जारी किया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार करने के लिये मुख्यमंत्रियों की एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किये गए है जिससे बाजार में स्पर्धा बढ़ेगी, खरीद बढ़ेगी और किसनों को उचित मूल्य मिल सकेगा । चर्चा में हिस्सा लेते हए शिवसेना के राहुल शेवाले ने कहा कि खाद्य वस्तुओं की कीमत पर नियंत्रण के संदर्भ में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है।