'ममता दीदी को नहीं लगता अपनी जान का डर', पढ़ें कंधार कांड का किस्सा सुनाते हुए यशवंत सिन्हा ने क्या-क्या कहा

By भाषा | Published: March 13, 2021 05:51 PM2021-03-13T17:51:02+5:302021-03-13T21:16:49+5:30

यशवंत सिन्हा शनिवार को टीएमसी में शामिल हो गए। उन्होंने बताया कि टीएमसी में शामिल होने के अपने फैसले से पहले उन्होंने करीब 45 मिनट तक ममता बनर्जी से बात की थी।

Mamta had expressed her desire to go to Kandahar for the release of hostages of Air India aircraft: Sinha | 'ममता दीदी को नहीं लगता अपनी जान का डर', पढ़ें कंधार कांड का किस्सा सुनाते हुए यशवंत सिन्हा ने क्या-क्या कहा

बंगाल चुनाव से पहले यशवंत सिन्हा टीएमसी में शामिल (फाइल फोटो)

Highlightsएयर इंडिया के विमान अपहरण के समय खुद आतंकियों के पास जाना चाहती थीं ममता बनर्जी: यशवंत सिन्हायशवंत सिन्हा ने कहा- टीएमसी में शामिल होने के फैसला से पहले 45 मिनट तक ममता बनर्जी से की थी बातचीतटीएमसी की इस बार जीत से 2024 के चुनाव में मोदी सरकार की हार और देश को बचाने का संदेश जाएगा: यशवंत सिन्हा

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस में शनिवार को शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बताया कि तत्कालीन वाजपेयी सरकार में सहयोगी रहीं ममता बनर्जी ने 1999 में एयर इंडिया के विमान का अपहरण करने वाले आतंकवादियों से कंधार जाकर बातचीत करने की इच्छा जताई थी ताकि बंधकों को रिहा कराया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी यशवंत सिन्हा शनिवार को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। सिन्हा पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए आठ चरणों में होने वाले चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

कोलकाता स्थित तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में सिन्हा ने वर्ष 1999 में एयर इंडिया के विमान का अपहरण कर कंधार ले जाने की घटना को याद किया।

उन्होंने कहा कि तब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में तृणमूल कांग्रेस सहयोगी थी और मंत्रिमंडल की बैठक में ममता ने स्वेच्छा से पेशकश की थी कि बंधकों को छुड़ाने के लिए उन्हें अपहरणकर्ताओं से बातचीत करने के लिए कंधार भेजा जाए।

ममता बनर्जी अपनी जान को लेकर नहीं डरतीं: यशवंत सिन्हा

सिन्हा ने कहा, ‘‘वह (ममता) अपनी जान को लेकर बिल्कुल नहीं डरतीं।’’ उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का फैसला करने से पहले उनकी करीब 45 मिनट तक ममता बनर्जी से बातचीत हुई थी।

सिन्हा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत समय की मांग है। उन्होंने कहा कि इससे वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की हार और देश को बचाने के लिए संदेश जाएगा।

सिन्हा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं, लेकिन भगवा पार्टी के नेतृत्व से मतभेदों के चलते वर्ष 2018 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी। उनके बेटे जयंत सिन्हा झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं।

जीवन के आठ दशक पूरे कर चुके सिन्हा ने वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए सिन्हा ने कहा कि उनके शासन में देश का लोकतंत्र खतरे में है।

अजीब स्थिति से गुजर रहा है अभी देश: यशवंत सिन्हा

सिन्हा ने कहा, ‘‘लोकतंत्र की मजबूती उसकी संस्थाओं में निहित है और सभी संस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से कमजोर किया जा रहा है।’’

सिन्हा ने कहा, ‘‘देश अजीब स्थिति से गुजर रहा है। जिन मूल्यों एवं सिद्धांतों को हम बहुत महत्व देते रहे हैं, उनका और हमारे गणतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ देश के किसान दिल्ली के नजदीक महीनों से बैठे हैं लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है। सत्तारूढ़ पार्टी का एक ही उद्देश्य है और वह है किसी भी तरह से चुनाव जीतना है।’’

सिन्हा (83 वर्षीय) ने भाजपा के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करने का संकल्प जताया।

उन्होंने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी लेकिन हमें इस जीत को अगले चरण पर ले जाने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘(गोपाल कृष्ण) गोखले ने कहा था कि बंगाल जो आज सोचता है उसे भारत कल सोचता है। बंगाल बदलाव का वाहक हो...। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत से 2024 के आम चुनाव में बदलाव और उनके (मोदी-शाह) नेतृत्व वाली भाजपा की पराजय का आगाज होगा।’’

'आज की भाजपा से अलग थी अटल बिहारी वाजपेयी के समय की पार्टी'

सिन्हा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा आज की भगवा पार्टी से अलग थी। उन्होंने कहा, ‘‘अटल जी सहमति में भरोसा करते थे। अब मोदी और शाह विपक्ष की राय को कुचलने में विश्वास करते हैं। अटल जी लोगों को साथ लेकर चलने में भरोसा करते थे लेकिन आज का भाजपा शासन लोगों पर जीत दर्ज करने में भरोसा करता है।’’

सिन्हा ने कहा, ‘‘अटल जी गठबंधन में भरोसा करते थे लेकिन आज सहयोगी दल एक के बाद एक भाजपा का साथ छोड़ रहे हैं।’’

वयोवृद्ध नेता ने कहा कि आज की लड़ाई केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि गणतंत्र को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा,‘‘यह सरकार चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है। ममता जी पर हमले की वजह से मैंने उनके साथ काम करने का फैसला किया।’’

सिन्हा ने यह टिप्पणी 10 मार्च को ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हुए कथित हमले के संदर्भ में की। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा,‘‘हम अपनी पार्टी में यशवंत सिन्हा का स्वागत करते हैं। उनकी भागीदारी से चुनाव में भाजपा के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।’’

सिन्हा ने वर्ष 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में वित्तमंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी और इसके बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल भी उन्हें इस मंत्रालय का कार्यभार मिला। उन्होंने वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई।

सिन्हा वर्ष 1977 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के प्रधान सचिव थे लेकिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण से प्रभावित होकर वर्ष 1984 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और राजनीति में चले आए।

Web Title: Mamta had expressed her desire to go to Kandahar for the release of hostages of Air India aircraft: Sinha

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