महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने कोरोना से ठीक होने के बाद कहा- कोविड-19 ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, पढ़ें 'लोकमत' से उनकी खास बातचीत
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 6, 2020 07:56 AM2020-06-06T07:56:28+5:302020-06-06T07:56:28+5:30
कोरोना वायरस से संक्रमित महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण अब पूरी तरह ठीक हो गए हैं। मंत्री अशोक चव्हाण अब अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो गए हैं। पार्टी 4 जून को इस बात की जानकारी दी थी।
मुंबई: महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि कोविड-19 से बहुत सी बातें सिखने की जरूरत है. इसे हमें एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए. कोविड-19 को मात देकर स्वस्थ हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने 'लोकमत' समूह से चर्चा करते हुए कहा कि इस बीमारी ने मुझे यह बोध कराया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा के ढांचे में और सुधार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बीमारी के दौरान मैंने यह भी अहसास किया कि विकास कार्य तो चलते रहेंगे, मगर हमें स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी पड़ेगी.
इस अनुभव ने मुझे आत्मनिर्भर बना दिया- अशोक चव्हाण
इसके अलावा मैंने यह भी महसूस किया कि मुंबई की गरीब बस्तियों में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर कैसे ऊंचा उठाया जाए. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके चव्हाण ने कहा कि जब यह पता चला कि मैं कोविड-19 से संक्रमित हुआ हूं, तो लोगों को दुख हुआ. घर में सभी ऐहतियात बरत रहे थे. फिर भी मैं संक्रमित हो गया. उपचार के 11 दिनों के दौरान मैंने अपने सभी काम खुद किए. इस अनुभव ने मुझे आत्मनिर्भर बना दिया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की महामारी के इस दौर में हम सब को बेहद सावधानी बरतनी होगी.
मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मैं कोरोना से संक्रमित हो जाऊंगा- अशोक चव्हाण
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके चव्हाण ने कहा, हमें इस बात पर विचार करना पड़ेगा कि हम जिस तरह से रहते हैं तथा अन्य गतिविधियां करते हैं, वह ठीक है क्या? हमें इस महामारी से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का जरूरी से पालन करना चाहिए. कोविड-19 काल के दौरान मैं राज्य में काफी घूमा. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में भी गया. मुंबई में मैंने कई बैठकें आयोजित कीं. मुझे कभी ऐसा लगा नहीं कि मैं कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाऊंगा.
बीमारी से मैंने यह भी सिखा कि हमें जहां तक संभव हो लोगों के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आना चाहिए- अशोक चव्हाण
यह बीमारी ही ऐसी है कि आप कब और कैसे इसकी चपेट में आ जाएंगे, कहा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से मैंने यह भी सिखा कि हमें जहां तक संभव हो लोगों के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आना चाहिए. इसका मतलब यह नहीं है कि हम काम ही न करें. हमें काम करने का तरीका बदलना होगा. नांदेड़ में कोविड-19 का एक भी मरीज नहीं था. उस वक्त जब लोग मुझे बधाई देते थे, तब मुझे अच्छा लगता था. इसके बावजूद मैं उनसे कहा करता था कि आज तक सब ठीक है, आगे क्या होगा, बता नहीं सकते. चव्हाण ने कहा कि नांदेड़ में स्थानीय लोगों के कारण कोविड-19 का प्रसार नहीं हुआ. दूसरे राज्यों से आए लोगों के कारण यह बीमारी नांदेड़ में फैली.
(अतुल कुलकर्णी रिपोर्ट)