महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावः एकनाथ खड़से भाजपा से नाराज, देवेंद्र फड़नवीस और चंद्रकांत पाटिल पर निशाना साधा
By भाषा | Published: May 12, 2020 05:48 PM2020-05-12T17:48:09+5:302020-05-12T17:48:09+5:30
भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व केंद्रीय मंत्री एकनाथ खड़से ने भाजपा पर निशाना साधा है। बीजेपी के दिग्गज नेता को विधान परिषद चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। वह खासे नाराज चल रहे हैं।
मुंबईः भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव में पार्टी द्वारा उनके नामांकन पर विचार नहीं किए जाने से नाराज हैं।
उन्होंने मंगलवार को इसे कुछ नेताओं की साजिश करार दिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल पर निशाना साधा। उल्लेखनीय है कि भाजपा खड़से से 2016 से ही दूरी बनाकर रख रही है तब उन्हें तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार से भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था।
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए अक्टूबर 2019 में हुए चुनाव में भी पार्टी ने खड़से को उनके गृहजिला जलगांव के मुक्तियानगर से टिकट देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, खड़से की जगह उनकी बेटी को टिकट दिया गया था लेकिन शिवसेना के बागी से उन्हें हार मिली।
अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे खड़से को उम्मीद थी कि पार्टी 21 मई को विधान परिषद की नौ सीटों के लिए होने वाले चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाएगी। इस चुनाव में भाजपा ने चार प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि, भाजपा ने खड़से के अलावा पंकजा मुंडे, विनोद तावडे और चंद्रशेखर बवानकुले जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी टिकट नहीं दिया है।
इन्हें पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का विरोधी माना जाता है। खड़से ने कहा, ‘‘यह प्रदेश के चार-पांच नेताओं द्वारा मेरे जैसे लोगों के खिलाफ साजिश है जिसने अपने 40 साल पार्टी को दिए हैं। वे केंद्रीय नेतृत्व को भ्रमित कर रहे हैं।’’
इस सूची में भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से और पंकजा मुंडे को जगह नहीं मिल पाई, जबकि गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दतके और अजीत गोपछड़े जैसे अपेक्षाकृत कम चर्चित चेहरों को जगह दी गई है। पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी में शामिल होने वाले रंजीतसिंह मोहिते पाटिल महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटिल के बेटे हैं।
रंजीतसिंह औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गये थे, लेकिन उनके पिता अभी तक औपचारिक रूप से भगवा पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पडलकर ने बारामती से अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।
विधान परिषद चुनाव नौ सीटों पर होने हैं, जिसके लिए निर्वाचक मंडल 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा है। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 29 मतों की आवश्यकता है। यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी चुनाव मैदान में हैं।
उल्लेखनीय है कि पंकजा मुंडे अपने चचेरे भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे से परली से 2019 का विधानसभा चुनाव हार गई थी, जबकि खड़से को उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था। उन्होंने हाल में घोषणा की थी कि वह 21 मई का चुनाव लड़ना चाहते हैं। विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्य हैं और पार्टी ने छोटी पार्टियों के 11 सदस्यों तथा निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल होने का भी दावा किया है। उसे अपने चार उम्मीदवारों की जीत के लिए पहली प्राथमिकता वाले 116 मतों की आवश्यकता है।