महाराष्ट्र सरकार गठन: NCP-कांग्रेस देगी शिवसेना को ये दो फॉर्मूला, उद्धव ठाकरे लगाएंगे अंतिम मुहर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 22, 2019 08:23 AM2019-11-22T08:23:47+5:302019-11-22T08:23:47+5:30
कांग्रेस ने सरकार में शामिल होने के लिए कुछ नाम तय किए हैं, जिनमें अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहब थोरात, विजय वडेट्टीवार और विश्वजीत कदम शामिल हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार बनाने के लिए तैयार है। गुरुवार को दिल्ली में एनसीपी-कांग्रेस के बीच दो फॉर्मूले पर बातचीत तय हो गई है। अब कांग्रेस-राकांपा के वरिष्ठ नेता उद्धव ठाकरे से मिलकर प्रस्ताव देंगे और आखिरी फैसला शिवसेना अध्यक्ष लेंगे।
इस फार्मूले में दो प्रस्ताव हैं। पहले प्रस्ताव में शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद और 14 मंत्री पद मिलेंगे. राकांपा को उपमुख्यमंत्री पद एवं 14 मंत्री पद मिलेंगे। कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री पद और 12 मंत्री पद मिलेंगे। दूसरे फार्मूले में मुख्यमंत्री पद शिवसेना को, कांग्रेस-राकांपा को एक-ए़क उपमुख्यमंत्री पद तथा तीनों दलों को 14-14 मंत्री पद मिलेंगे। अब आज उद्धव को इनमें से किसी एक फार्मूले पर मुहर लगानी होगी।
सूत्रों का कहना है कि अगर शिवसेना मंत्री पदों के बराबर बंटवारे से इनकार कर देती है, तो राकांपा गृह, वित्त, जबकि कांग्रेस राजस्व और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय मांगेगी। हालांकि, शहरी विकास मंत्रालय तब भी शिवसेना को दिए जाने की पेशकश होगी।
इस महीने बन सकती है सरकार
मुंबई में सूत्रों ने बताया कि 27 नवंबर तक नई सरकार बन जाएगी. राष्ट्रपति शासन हटाने की औपचारिकता पूरी होते ही 25 या 26 को नए मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण कर सकते हैं।
ये नेता बन सकते हैं मंत्री
कांग्रेस ने सरकार में शामिल होने के लिए कुछ नाम तय किए हैं, जिनमें अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहब थोरात, विजय वडेट्टीवार और विश्वजीत कदम शामिल हैं। राकांपा अजित पवार, जयंत पाटिल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक के नाम तय किए हैं। सीएमपी में किसानों का मुद्दा मुख्य न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के प्रारूप से धर्मनिरपेक्ष शब्द के इस्तेमाल के बजाय यह कहा गया है कि बिना धार्मिक आधार के राज्य सरकार सभी कार्यक्रम और योजनाएं तैयार करेगी।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम में सबसे प्रमुख मुद्दा किसानों को दी जाने वाली सहायता राशि है। इसका आधार समेत जैसी तमाम बातों को तीनों दलों के प्रतिनिधि मिलकर तय करेंगे। इसके अलावा सीएमपी में राज्य सरकार के रिक्त पद भरने की मुहिम चलाने का मुद्दा है, जिससे जनता को बेरोजगारी पर अंकुश का संदेश जाए। इसके अलावा राकांपा और कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र के प्रमुख वादे भी सीएमपी में शामिल किया जा रहा है।