महा विकास आघाड़ी गठबंधनः शिवसेना छोड़ NCP में शामिल पांच पार्षद पार्टी में वापस लौटे, दोनों दल के बीच चल रहा तनाव
By भाषा | Published: July 8, 2020 07:08 PM2020-07-08T19:08:48+5:302020-07-08T19:08:48+5:30
पारनेर से राकांपा विधायक नीलेश लांके और स्थानीय राकांपा नेता भाऊ कोरेगांवकर के साथ पांच पार्षदों ने मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुंबई में उनके आवास ‘मातोश्री’ में बुधवार को मुलाकात की।
मुंबईःमहाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पारनेर के पांच पार्षद राकांपा छोड़ पर बुधवार को वापस शिवसेना में शामिल हो गए। इससे पहले ये पार्षद शिवसेना से राकांपा में चले गए थे।
मीडिया में हाल ही में आई खबरों में यह दावा किया गया था कि पारनेर नगर परिषद के पांच पार्षदों के शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल होने से शिव सेना और उसकी सहयोगी पार्टी राकांपा के बीच तनाव चल रहा है। पार्षद पिछले शनिवार को पुणे जिले के बारमती में उप मुख्यमंत्री अजित पवार की मौजूदगी में राकंपा में शामिल हो गए थे।
पारनेर से राकांपा विधायक नीलेश लांके और स्थानीय राकांपा नेता भाऊ कोरेगांवकर के साथ पांच पार्षदों ने मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुंबई में उनके आवास ‘मातोश्री’ में बुधवार को मुलाकात की। पांचों पार्षद फिर से शिवसेना में शामिल हो गए और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया है। उनमें से एक पार्षद मुदस्सर सय्याद ने संवाददाताओं से कहा कि स्थानीय शिवसेना नेतृत्व के साथ उनके कुछ मसले हैं।
उन्होंने कहा,‘‘हमारे इलाके में पानी की समस्या हल नहीं हो रही थी तो हमने राकांपा के स्थानीय विधायक नीलेश लांके के नेतृत्व में काम करने का निर्णय लिया।’’ उन्होंने कहा कि ठाकरे ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनके मुद्दों को हल किया जाएगा। ठाकरे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पांच पार्षदों के पिछले सप्ताह राकांपा में शामिल होने पर मुख्यमंत्री ने अप्रसन्नता जताई थी। सूत्रों के मुताबिक, ठाकरे ने कहा,‘‘ जब हम गठबंधन में हैं और सरकार चलाने की बात है तो इस प्रकार की घटनाएं आगे के लिए अच्छी नहीं हैं।’’
महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन सहयोगियों में कोई मतभेद नहीं : शिवसेना
शिवसेना ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी के सहयोगियों में कोई मतभेद नहीं है और कहा कि अगर गठबंधन सरकारें कुछ स्थानांतरणों और पदोन्नतियों पर विवाद के चलते गिरने लगे तो इससे संकेत जाता है कि राष्ट्रीय राजनीति की बुनियाद कमजोर है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया कि कुछ स्थानांतरणों एवं पदोन्नतियों के मुद्दे के ऊपर हो रही राजनीति ‘‘तुच्छ” एवं “निचले स्तर” की है। इसमें कहा गया कि सत्तारूढ़ गठबंधन साझेदारों के बीच समन्वय के अभाव को लेकर लगाई जा रही अटकलों में ‘‘कोई सच्चाई” नहीं है और कहा कि वे कई अहम मुद्दों पर जरूरी नहीं कि सहमत हों। मीडिया की कुछ खबरों में दावा किया गया कि मुंबई में 10 पुलिस अधिकारियों के हाल में स्थानांतरण और अहमदनगर जिले के पारनेर में शिवसेना के पांच पार्षदों का पिछले हफ्ते शरद पवार नीत पार्टी में शामिल हो जाने को लेकर शिवसेना और राकांपा के बीच तनाव है।
शिवसेना ने बुधवार को कहा, “ अगर शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अक्सर मिलते हैं तो इसमें खास क्या है। ठाकरे सरकार उनके प्रयासों के कारण बनी है। पवार किसानों, सहकारी क्षेत्र के मुद्दों पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हैं।” मराठी दैनिक ने कहा, “अगर गठबंधन सरकार दो-तीन स्थानांतरण और पदोन्नति पर विवाद को लेकर गिरने लगे तो यह इस बात का संकेत है कि राष्ट्रीय राजनीति कमजोर बुनियाद पर है। एमवीए सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है।”
शिवसेना ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह कहना कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख और पवार स्थानांतरण विवाद को लेकर ठाकरे को शांत करने के लिए मिले थे, यह “मानसिक भ्रम का संकेत है उन लोगों का जो यह कहते और लिखते हैं”।