Maharashtra ki khabar: सीएम ठाकरे और शरद पवार ने की बैठक, लॉकडाउन, विशेष आर्थिक पैकेज, प्रवासी श्रमिकों, रोजगार पर चर्चा

By भाषा | Published: May 15, 2020 06:36 PM2020-05-15T18:36:28+5:302020-05-15T18:36:28+5:30

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने मुंबई में बैठक की। साथ में मंत्रिमंडल के कई सदस्य भी भाग लिए। कोरोना वायरस सहित कई बातों पर चर्चा की गई।

Maharashtra CM Uddhav Thackeray, NCP Chief Sharad Pawar Talks Over Covid-19 meeting, lockdown, special economic package, migrant workers, employment | Maharashtra ki khabar: सीएम ठाकरे और शरद पवार ने की बैठक, लॉकडाउन, विशेष आर्थिक पैकेज, प्रवासी श्रमिकों, रोजगार पर चर्चा

कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यवापी लॉकडाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने से दो दिन पहले यह बैठक हुई। (file photo)

Highlightsविशेष आर्थिक पैकेज, कानून एवं व्यवस्था, प्रवासी श्रमिकों, रोजगार और उद्योगों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की। बैठक में मंत्रिमंडल के कुछ अन्य मंत्री भी शामिल हुए। महाराष्ट्र में शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार का राकांपा प्रमुख हिस्सा है।

मुंबईः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और उससे निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में शुक्रवार को बैठक की। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यवापी लॉकडाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने से दो दिन पहले यह बैठक हुई।

आधिकारिक बयान के अनुसार राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के प्रमुख ठाकरे ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन की स्थिति, राज्य की अगले चरण की योजनाओं और कुछ हिस्सों में आर्थिक गतिविधयां बहाल करने’’ के संबंध में समीक्षा बैठक हुई। राकांपा ने ट्वीट किया, ‘‘ सांसद शरद पवार ने केन्द्र द्वारा घोषित विशेष आर्थिक पैकेज, प्रवासी मजूदरों की समस्या, बेरोजगारी और औद्योगिक मामलों की समीक्षा की और आगे की नीति दिशा तय करने पर भी चर्चा हुई।’’

औद्योगिक/व्यापार गतिविधियां महाराष्ट्र के ऑरेंज और ग्रीन जोन में 20 अप्रैल के बाद बहाल कर दी गई थीं। सरकार ने बयान में बताया कि 65,000 उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी गई है, जबकि 35,000 उद्योगों ने काम शुरू भी कर दिया है और करीब नौ लाख मजदूर काम पर लौट आए हैं। बयान में बताया गया कि जहां प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं, वहीं उद्योगों की सहायता के लिए श्रम ब्यूरो काम कर रहा है। इसमें बताया गया कि पश्चिम बंगाल के अलावा सभी प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों से उनके राज्य भेजा जा रहा है।

सरकार ने कहा, ‘‘ बैठक में स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पद भरने और जरूरी चिकित्सीय उपकरणों का इंतजाम करने पर चर्चा की गई।’’ उसने कहा, ‘‘ उन इलाकों पर चर्चा की गई जहां प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती हैं और निषिद्ध क्षेत्रों तथा रेड जोन में प्रतिबंधों का पालन कराने पर भी बात हुई।’’

पवार ने बैठक में कहा कि संकट ग्रस्त गन्ना उद्योग की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा गया है। महाराष्ट्र सरकार ने मुम्बई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद और मालेगांव में 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की इच्छा जाहिर की है। राज्य में कारोना वायरस के सबसे अधिक मामले यहीं हैं। मुख्यमंत्री और पवार के बीच यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। गृह मंत्री अनिल देशमुख, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे सहित कई मंत्री बैठक में मौजूद थे। 

अदालत ने केंद्र, महाराष्ट्र से प्रवासियों के लिए विशेष रेलगाड़ियों पर ब्योरे मांगे

बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों और अन्य को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जा रही विशेष रेलगाड़ियों के ब्योरे उपलब्ध कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया और पूछा कि इन सेवाओं का परिचालन कब तक किया जाएगा। उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति ए आर बोरकर ने केंद्र एवं राज्यों को इन विशेष रेलगाड़ियों में यात्रा कर रहे व्यक्तियों के टिकट किराए का खर्च कौन उठाएगा, उस पर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।

अदालत प्रवासी, दिहाड़ी मजदूरों और पैदल अपने गृह राज्यों को लौट रहे लोगों की दुर्दशा पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत द्वारा नियुक्त अधिवक्ता देवेन चौहान ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि रेलवे केवल 17 मई तक विशेष ट्रेनें चला रही है। अदालत ने तब रेलवे को देश के विभिन्न हिस्सों से लाई जा रही विशेष ट्रेनों के ब्योरे देते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बोरकर ने कहा, ‘‘हलफनामे में यह भी बताया जाना चाहिए कि विशेष ट्रेनें किस तारीख तक प्रवासियों और फंसे हुए अन्य लोगों को उनके गृह राज्यों तक ले जाएंगी।”

अदालत को आठ मई को अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया था कि बंबई उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ ने अपने आदेश में पाया था कि केंद्र एवं राज्य सरकारें टिकट का खर्च साझा करेंगी। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने इस खर्च के लिए 57 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अदालत ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को अपने हलफनामे में इसका भी उल्लेख करने का निर्देश दिया और मामले में अगली सुनवाई 19 मई को तय की। 

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