महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकारः चार दिन में दो बार सीएम ठाकरे से मिले शरद पवार, नारायण राणे बोले-शिवसेना में कोई नेता नहीं बचा
By भाषा | Published: July 10, 2020 08:51 PM2020-07-10T20:51:14+5:302020-07-10T20:51:14+5:30
गृह विभाग राकांपा के पास है। कुछ शहरों में कोविड-19 के मद्देनजर फिर से लॉकडाउन लागू किये जाने को लेकर भी मतभेद होने की खबरें हैं। सूत्रों के मुताबिक राकांपा का मानना है कि लॉकडाउन लागू करने से पहले नौकरशाहों से नहीं, बल्कि स्थानीय निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से परामर्श करना चाहिए।
मुंबईः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में उनसे शुक्रवार को मुलाकात की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पवार और शिवसेना प्रमुख ठाकरे के बीच चार दिनों में यह दूसरी मुलाकात थी। दोनों पार्टियों के बीच तनाव पैदा होने की खबरों के बीच आज उनकी करीब आधे घंटे तक बैठक हुई। राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। उल्लेखनीय है कि अहमदनगर जिले की पारनेर नगर परिषद में शिवसेना के पांच पार्षद पिछले हफ्ते राकांपा में शामिल हो गये थे।
हालांकि, बाद में वे अपनी मूल पार्टी में लौट आए। दोनों दलों के बीच तनाव पैदा होने का एक अन्य कारण गृह विभाग द्वारा मुंबई में 10 पुलिस उपायुक्तों का तबादला आदेश जारी किया जाना है। हालांकि, तीन दिन के अंदर राज्य सरकार ने इस आदेश को निरस्त कर दिया।
गृह विभाग राकांपा के पास है। कुछ शहरों में कोविड-19 के मद्देनजर फिर से लॉकडाउन लागू किये जाने को लेकर भी मतभेद होने की खबरें हैं। सूत्रों के मुताबिक राकांपा का मानना है कि लॉकडाउन लागू करने से पहले नौकरशाहों से नहीं, बल्कि स्थानीय निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से परामर्श करना चाहिए।
सामना ने पवार का साक्षात्कार, राणे का तंज
भाजपा नेता नारायण राणे ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने राकांपा प्रमुख शरद पवार का साक्षात्कार लिया क्योंकि साक्षात्कार के लिए शिवसेना में कोई नेता नहीं बचा है। शिवसेना के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले राणे 2005 में भाजपा में शामिल हो गये थे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवसेना में साक्षात्कार देने वाला कोई नहीं है। मुझे उम्मीद है कि पवार ने राज्य के हित में कुछ महत्वपूर्ण बात कही होगी क्योंकि वह एक अनुभवी नेता हैं।’’ ‘सामाना’ कल से राकांपा अध्यक्ष का साक्षात्कार तीन भाग में कल से प्रकाशित करेगा।
पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद, भाजपा का साथ छोड़ने वाली शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व शिवसेना द्वारा करने के बावजूद, उसके कार्यकर्ताओं की कोई अहमियत नहीं है। राणे ने कहा, ‘‘शिवसेना के मंत्रियों और नेताओं का काम नहीं होता है, उन्हें (मुख्यमंत्री के साथ) मिलने की अनुमति नहीं मिलती है।’’