‘अब हमें वे लोग शिक्षा दे रहे हैं जो 15 साल पहले राजनीति में आए’: खड़से का फड़नवीस पर वार
By भाषा | Published: September 2, 2020 09:15 PM2020-09-02T21:15:39+5:302020-09-02T21:15:39+5:30
‘जब भाजपा-शिवसेना ने 2014 का विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा, तब हमारी कोशिशों ने पार्टी (भाजपा) को स्पष्ट बहुमत के नजदीक पहुंचने में मदद की। जबकि पिछले 15 साल में जो लोग राजनीति में आये हैं, वे अब हमें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं।’
मुंबईः महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ सहकर्मी एकनाथ खड़से ने परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा है कि ‘जो लोग 15 साल पहले राजनीति में आये, वे अब उनके जैसे नेताओं को सिखाने की कोशिश कर रहे हैं।’
खड़से ने अपने 68 वें जन्म दिन के अवसर पर उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में एक कार्यक्रम के दौरान यह कहा। उन्होंने कहा, ‘जब भाजपा-शिवसेना ने 2014 का विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा, तब हमारी कोशिशों ने पार्टी (भाजपा) को स्पष्ट बहुमत के नजदीक पहुंचने में मदद की। जबकि पिछले 15 साल में जो लोग राजनीति में आये हैं, वे अब हमें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं।’ खड़से ने संभवत: फड़नवीस की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘लोग, इस बात को निश्चित रूप से पसंद नहीं करते हैं कि ‘मैं वापस आऊंगा’।’
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनाव प्रचार के तहत तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने मराठी में बार-बार ‘‘मी पुन्हा येईन’’ (मैं वापस आऊंगा) का नारा दोहराया था। भाजपा और शिवसेना ने 2019 का राज्य विधानसभा चुनाव गठबंधन कर लड़ा था और दोनों दलों को क्रमश 105 और 56 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद नहीं मिल पाने के बाद भाजपा से तीन दशक पुराना अपना नाता तोड़ लिया।
इसके बाद, शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। खडसे, भूमि कब्जा करने और अन्य आरोपों को लेकर 2016 में भाजपा की सरकार में राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिये दबाव बनाये जाने के बाद से फड़नवीस की आलोचना करते रहे हैं। प्रमुख ओबीसी नेता ने कहा, ‘‘पार्टी के कई कार्यकर्ता और नेता मेरे साथ हुए अन्याय को लेकर निराश और क्रोधित हैं। मुझे लगता है कि उनकी भावनाएं कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकती है। ’’
खडसे ने कहा, ‘‘मैं भाजपा का पिछले 40 साल से प्रबल समर्थक और पार्टी के प्रति निष्ठावान रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी के पास महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये पर्याप्त संख्या बल नहीं है। छोटा-मोटा दलबदल से काम नहीं चलेगा, बल्कि एक समूची पार्टी का भाजपा में विलय कराना होगा। तभी जाकर हमारी पार्टी राज्य की सत्ता में आएगी। मुझे लगता है कि इस वक्त यह एक बचकाना उम्मीद है। ’’