महाराष्ट्र: सावरकर पर गरमाएगा विधानमंडल का शीत सत्र, उद्धव ठाकरे ने कहा- CAB सावरकर के विचारों से मेल नहीं खाता
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 16, 2019 08:16 AM2019-12-16T08:16:31+5:302019-12-16T08:19:36+5:30
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को स्पष्ट किया कि शीत सत्र केवल छह दिनों का होगा. ठाकरे ने कहा कि सत्र भले ही छह दिनों का हो, सरकार का कार्यकाल पूरे पांच वर्षों का है.
पक्ष-विपक्ष के तेवरों को देखकर स्पष्ट संकेत मिले हैं कि वीर सावरकर, किसानों की समस्याओं एवं विकास कार्यों पर लगी रोक को लेकर सोमवार से आरंभ हो रहा महाराष्ट्र विधानमंडल का शीत सत्र हंगामेदार होगा. सत्र की पूर्वसंध्या पर वीर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी की गूंज होती रही. नेता विपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने वीर सावरकर पर शिवसेना के रुख को देखते हुए आरोप लगाया कि वह सत्ता के लिए लाचार हो गई.
दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार सावरकर के विचारों पर नहीं चल रही. नागरिकता संशोधन बिल भी सावरकर के विचारों से मेल नहीं खाता. सावरकर को भारत रत्न देने की प्रदेश भाजपा की मांग का जिक्र करते हुए सवाल किया कि केंद्र उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दे रही.
भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणी को मुद्दा बना कर विधानमंडल के भीतर और बाहर शिवसेना को अड़चन में डालने की रणनीति अख्तियार की है. फड़नवीस ने आरोप लगाया कि सत्ता के लिए लाचार हुई शिवसेना स्वतंत्रता संगाम्र सेनानी सावरकर के सम्मान के लिए सौदेबाजी पर उतारू हो गई है.
सत्तापक्ष की ओर से मोर्चा संभालते हुए उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए सावरकर की अखंड भारत की सोच का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से अपेक्षा थी कि वे इस दिशा में काम करेंगे. उन्हें पड़ोसी देशों को अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण करने के लिए बाध्य करना चाहिए था. लेकिन वह पीड़ित अल्पसंख्यकों को देश में बुला रही है.
बिल पर पूर्वोत्तर में फैले तनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा भाजपा देश में हंगामा खड़ा कर नागरिकों को चिंता में डालने की नीति पर काम कर रही है. ठाकरे ने कहा कि देश में असुरक्षा का माहौल खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सावरकर के सम्मान में जितनी पुरजोर आवाज शिवसेना ने उठाई है उतनी भाजपा ने कभी नहीं उठाई.
विपक्ष के मुद्दे -
ठाकरे सरकार 'स्थगिती' सरकार है, जो विकास कार्यों को रोक रही है.
सरकार में शामिल दलों के द्वंद की वजह से पर्याप्त मंत्री भी नियुक्त नहीं हो सके हैं.
किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी का कार्यक्रम घोषित करने की पहल आरंभ हो.
अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 25 हजार एवं बागानों को 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दें.
सरकार के दावे
कोई विकास नहीं रोका. केवल जहां शिकायतें हैं वहां जांच हो रही है.
सरकार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी.
जनता की अपेक्षाएं पूरी होंगी.
किसानों को चिंतामुक्त करने की पहल.
कर्जमुक्ति पर जल्द होगा फैसला.
विपक्ष के प्रति नहीं, जनता के प्रति है जवाबदेही.
विधानसभा का सत्र केवल छह दिनों का
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं मंत्री जयंत पाटिल ने रविवार को स्पष्ट किया कि शीत सत्र केवल छह दिनों का होगा. ठाकरे ने कहा कि सत्र भले ही छह दिनों का हो, सरकार का कार्यकाल पूरे पांच वर्षों का है. उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद की शक्ति से सरकार सभी अपेक्षाएं पूरी करेगी.