तीन दलों की सरकार को लेकर अजित पवार थे आशंकित, इसी वजह से पहुंचे थे फड़नवीस की शरण में

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 22, 2020 07:17 AM2020-08-22T07:17:14+5:302020-08-22T07:17:14+5:30

राकांपा नेता पटेल ने 'लोकमत समाचार' के साथ हुई बातचीत यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार को भाजपा के साथ नहीं जाना चाहिए था.

Maharashtra: Ajit Pawar was apprehensive about the government of three parties | तीन दलों की सरकार को लेकर अजित पवार थे आशंकित, इसी वजह से पहुंचे थे फड़नवीस की शरण में

फाइल फोटो

Highlightsप्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने के पहले नेहरू सेंटर पर हुई बैठक में विभाग बंटवारे को लेकर हुई तनातनी को देखकर अजित पवार नाराज थे.उन्हें आंशका थी कि ऐसे ही हालात रहे तो आगे तीन दलों की सरकार कैसे टिकेगी?

मुंबई: राकांपा के नेता सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने के पहले नेहरू सेंटर पर हुई बैठक में विभाग बंटवारे को लेकर हुई तनातनी को देखकर अजित पवार नाराज थे. उन्हें आंशका थी कि ऐसे ही हालात रहे तो आगे तीन दलों की सरकार कैसे टिकेगी? पटेल ने बताया कि इसीलिए देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार चले गए थे.

राकांपा नेता पटेल ने 'लोकमत समाचार' के साथ हुई बातचीत यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार को भाजपा के साथ नहीं जाना चाहिए था. पटेल ने कहा कि महाविकास आघाड़ी की सरकार बनाने के दौरान जो कुछ हुआ और उसके बाद हमारे बीच जो भी चर्चा हुई तथा अजित पवार ने जो भावना व्यक्त की थी, उन सभी बातों को फिलहाल सामने नहीं लाया जा सकता. लेकिन, उनकी यह एक भूमिका थी. पद का मसला था ही नहीं.ह

उन्होंने कहा कि लेकिन, आगे जाकर सभी समस्याओं का समाधान हो गया और अब तो हमारी सरकार सही ढंग से चल रही है. आपने परसों कहा कि हम ही अब बड़े कांग्रेस के भाई हैं. क्या यह बयान आपके संबंधों को दिक्कत में नहीं डालता? मैंने नागपुर में जो कहा था उस पर दृढ़ हूं. नागपुर की विधानसभा सीट के लिए हम आग्रही थे.

दुर्भाग्यवश कांग्रेस ने हमें पहले हां कहा और आखिरी दिन तक टाला. इसलिए मैंने कहा कि अब तो हमारे सदस्य अधिक हैं. इसलिए अब आप बड़े भाई की भूमिका में नहीं रह सकते हैं. महाराष्ट्र में हम ही बड़े हैं. विदर्भ में फिलहाल आप होंगे, लेकिन भविष्य में हम भी हालात बदल सकते हैं. मेरे इस बयान से कोई नाराजगी नहीं होगी. तीन दलों की एक समन्वय समिति है. अब तक कोई भी बड़ा विवाद नहीं हुआ है.

पार्थ पवार की भूमिका पर उठे बादल छंट गए क्या?

पार्थ यदि अजित पवार के पुत्र हैं तो राकांपा में पार्थ की कोई भूमिका नहीं है. अकारण उन्हें इतना महत्व देकर या उनके ट्वीट को महत्व देना मुझे जरूरी नहीं लगता. युवा वर्ग ट्विटर और फेसबुक पर कुछ भी बोलते हैं. हमारे विचार से पार्थ प्रकरण का पटाक्षेप हो गया है. क्या सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में आदित्य ठाकरे को निशाने बनाकर शिवसेना को दिक्कत में डालना भाजपा की साजिश है? यह सब 'रीड बिट्वीन द लाइंस' है. आदित्य ठाकरे का इस मामले से कुछ संबंध नहीं है. क्या आदित्य किसी समय सुशांत सिंह राजपूत के घर गया था? उनके बीच मिलना-जुलना भी नहीं था. आदित्य ठाकरे को इस मामले में घसीटने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है.

महाराष्ट्र से अतुल कुलकर्णी की रिपोर्ट

Web Title: Maharashtra: Ajit Pawar was apprehensive about the government of three parties

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