तेलंगाना की राजनीति पर क्या असर करेगी कांग्रेस-टीडीपी-सीपीआई की 'महाकूटमी'

By आदित्य द्विवेदी | Published: September 13, 2018 07:45 AM2018-09-13T07:45:49+5:302018-09-13T07:45:49+5:30

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से निपटने के लिए कांग्रेस-टीडीपी-सीपीआई ने महाकूटमी (गठबंधन) करने का फैसला किया है।

Mahakutami in Telangana: How alliance will affect the politics and KCR | तेलंगाना की राजनीति पर क्या असर करेगी कांग्रेस-टीडीपी-सीपीआई की 'महाकूटमी'

तेलंगाना की राजनीति पर क्या असर करेगी कांग्रेस-टीडीपी-सीपीआई की 'महाकूटमी'

हैदराबाद, 13 सितंबरःतेलंगाना के तीन विपक्षी दलों को स्कूली दिनों का एक फार्मूला फिर से याद आया- 'United we stand, divided we fall'. इस फॉर्मूले को इस साल मार्च में हुए अचम्पेट नगर पंचायत में लिटमस टेस्ट के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस चुनाव में कांग्रेस, टेलुगु देशम पार्टी और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। लेकिन यह लिटमस टेस्ट पूरी तरह असफल साबित हुआ और सभी 20 वार्ड में तेलंगाना राष्ट्र समिति ने जीत दर्ज की।

हार से विचलित हुए बिना दो महीने बाद महागठबंधन का एक और प्रयोग किया गया। खम्माम जिले की पलायर विधानसभा कांग्रेस विधायक के निधन से खाली हो गई थी। यहां टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया। कांग्रेस को अन्य पार्टियों के समर्थन के बावजूद पिछले चुनाव में महज 4 हजार वोट पाने वाली टीआरएस ने 45 हजार वोट के अंतर से जीत दर्ज की। महागठबंधन को दूसरा झटका लगा।

एकबार फिर कांग्रेस, टीडीपी और सीपीआई ने आगामी विधानसभा चुनाव में टीआरएस को हराने के लिए महाकूटमी (महागठबंधन) करने का फैसला किया है। लेकिन पिछली दो हार देखते हुए इसबार भी महाकूटमी की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

1982 के बाद पहली बार ये बेमेल गठबंधन

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 1982 में कांग्रेस पार्टी के विरोध में ही तेलुगू देशम पार्टी का उदय हुआ था। ऐसा पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस के विरोध में बनी पार्टी टीडीपी कांग्रेस से हाथ मिलाने जा रही है। हालांकि सीपीआई पहले भी कई मौकों पर दोनों पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुकी है। 

महागठबंधन की रूपरेखा तय नहीं

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी, टीडीपी के प्रदेश अध्यक्ष एल रमन्ना और सीपीआई के राज्य सचिव सी वेंकट रेड्डी ने कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हैदराबाद में बैठक की। चार घंटे लंबी चली इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के बाद रेड्डी ने कहा कि हमने आगामी चुनाव में महाकूटमी बनाने का फैसला किया है। समान विचारधारा के अन्य दलों से भी बात-चीत जारी है।

सीटों के बंटवारे को लेकर फिलहाल कोई रूपरेखा तय नहीं हुई है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि फिलहाल इसबारे में बात नहीं की गई है लेकिन उनकी पार्टी 119 विधानसभा वाली सीटों में कम से कम 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। टीडीपी को 25-30 सीटें मिल सकती हैं।

तेलंगाना विधानसभा की मौजूदा स्थिति

तेलंगाना विधानसभा में 119 सदस्य जनता द्वारा चुनकर आते हैं जबकि 1 सदस्य को मनोनीत किया जाता है। 2014 चुनाव में 119 में से 90 सीटें टीआरएस के खाते में आई थी जबकि कांग्रेस को 13, आईएमआईएम को सात और बीजेपी को पांच सीटों पर जीत मिली थी। विधानसभा भंग होने की स्थिति में फिलहाल किसी अन्य के सरकार बनाने की कोई संभावना नहीं है।

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