MP Ki Taja Khabar: कोरोना संकट की वजह से टल सकते हैं विधानसभा उपचुनाव, इन दो मंत्रियों की बढ़ेगी मुश्किल
By शिवअनुराग पटैरया | Published: June 2, 2020 02:29 PM2020-06-02T14:29:27+5:302020-06-02T14:29:47+5:30
मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। हालांकि, अब इसे और 6 महीने के लिए टाला जा सकता है। ऐसे में उन दो मंत्रियों की मुश्किल बढ़ेगी जो विधानसभा की सदस्यता दे चुके हैं और कांग्रेस छोड़ शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री बने हैं।
भोपाल: मध्यप्रदेश की 24 विधानसभा सीटों के लिए प्रस्तावित उपचुनाव कोरोना के संकट को लेकर टल सकते है. नियम के अनुसार विधानसभा सीट के रिक्त होने के 6 माह के भीतर चुनाव कराने होते हैं. हालांकि कोरोना संकट के चलते उपचुनाव को आगे बढाया जा सकता है. ऐसे में शिवराज मंत्रिमंडल के उन 2 मंत्रियों के समक्ष संकट खड़ा हो सकता है, जो विधानसभा के सदस्य नही हैं.
शिवराज सरकार के 2 मंत्रियों तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से बगावत कर विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था और बीते 21 अप्रैल को मंत्री पद की शपथ ली थी. इन 2 मंत्रियों के साथ पिछले 10 मार्च को राज्य विधान सभा के 22 सदस्यों के द्बारा कांग्रेस से बगावत कर विधान सभा से इस्तीफा दिए जाने के कारण यह सभी विधान सभा क्षेत्र रिक्त हो गए थे.
इन क्षेत्रों में 6 माह के पहले चुनाव हो जाना चाहिए. इसके पूर्व जौरा के विधायक बनवारी लाल शर्मा की 21 दिसंबर 2019 और आगर के विधायक मनोहर उटवाल की 30 जनवरी 2020 को मृत्यु हो जाने के कारण वह क्षेत्र भी रिक्त हैं, जिनके चुनाव भी क्रमाश: 21 जून और 30 जुलाई के पहले हो जाना चाहिए.
6 माह और टलेगा उपचुनाव!
सूत्रों के अनुसार निर्वाचन आयोग कोरोना संकट के चलते हुए उपचुनाव को 6 माह और टाल सकता है. चुनाव के टाले जाने के कारण मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में शामिल 2 सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को जरुर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि मंत्री बने रहने के लिए 6 माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना जरुरी होता है. अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें इस्तीफा देना होगा.