MP चुनाव: BJP-कांग्रेस इस रणनीति के जरिए जीतना चाहती है चुनाव, मतदाताओं को लुभाने की है कोशिश
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 17, 2018 04:28 PM2018-10-17T16:28:59+5:302018-10-17T16:30:59+5:30
मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में अधिकांश उम्मीदवार नए और युवा दिखाई देंंगे।
मध्यप्रदेश में प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस इस बार नए और युवा चेहरों पर दाव लगाने का मन बना चुके हैं। भाजपा द्वारा कराए गए सर्वे में वर्तमान विधायकों के खिलाफ विरोध का माहौल देखा तो यह फैसला लिया गया, वहीं कांग्रेस में भी लगातार युवाओं को मौका देने की उठ रही मांग को देखते हुए टिकट वितरण में युवा और नए चेहरों को मौका दिए जाने की बात कही जा रही है।
नए चेहरे आ रहे हैं सामने
मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में अधिकांश उम्मीदवार नए और युवा दिखाई देंंगे। दोनों दलों में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में हो रही देरी के पीछे भी यही वजह है कि दलों में पुराने चेहरों को लेकर एकराय नहीं बन पा रही है। इन दावेदारों को लेकर स्थानीय विरोध का सामना दोनों भी दल कर रहे हैं। भाजपा में इस बार ज्यादा विरोध और दावेदारी हो रही है। विरोध के स्वर मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों को लेकर भी मुखरित हो रहे हैं।
इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का विरोध उनके विधानसभा क्षेत्र गोविंदपुरा में भी शुरु हो गया है। गौर का विरोध रामभक्त मित्र मंडल द्वारा किया जा रहा है। इस मित्र मंडल के पदाधिकारियों ने एक बैठक लेकर यह फैसला लिया कि गोविंदपुरा क्षेत्र से गौर या फिर उनके किसी वारिश को टिकट मिला तो भाजपा को हराने का काम किया जाएगा। रामभक्त मित्र मंडल पदाधिकारी योगेश सक्सेना के नेतृत्व में यह विरोध किया जा रहा है।
गौर के अलावा सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंंत्री सरताज सिंह का विरोध तो नहीं है, मगर वहां के कार्यकर्ताओं ने सिंह को इस बार टिकट न मिलने की चर्चा के चलते विरोध शुरु कर दिया कि कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बार यहां स्थानीय उम्मीदवार उन्हें चाहिए।
सरताज को उम्र का हवाला देकर हटाया गया था
सरताज सिंह को उम्र का हवाला देकर मंत्री पद से हटाया गय गया था। अब पार्टी द्वारा इसी के तहत टिकट से वंचित किया जाना तय माना जा रहा है। इसके चलते सिवनी मालवा से विधानसभा अध्यक्ष डा.सीताशरण शर्मा ने अपनी सक्रियता दिखाई है।
वे यहां से टिकट की चाह रखते हैं. शर्मा की सक्रियता को देख स्थानीय उम्मीदवार का यहा मुद्दा उठा गया है। शर्मा के अलावा मंत्रियों में ललिता यादव, सुरेन्द्र पटवा, लाल सिंह आर्य का भी विरोध उनके विधानसभा क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। वरिष्ठों और अन्य विधायकों के स्थानीय विरोध को देखते हुए भाजपा ने यह तय किया है कि इस बार युवा चेहरों को मैदान में उतारकर एंटीइंबेंसी से बचा जाए. इसके चलते युवाओं को लुभाने के लिए भाजपा ने भाजयुमों को सक्रिय भी कर दिया है।
कांग्रेस में दिखेंगे नए चेहरे
15 साल से वनवास भोग रही कांग्रेस ने भी इस बार ऐसे चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी की है, जिनका स्थानीय स्तर पर विरोध न हो। कांग्रेस में भी वरिष्ठों और पूर्व विधायकों का कई स्थानों पर विरोध है, जिसके चलते वरिष्ठ नेताओं को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रदेश संगठन को यह संदेश दे चुके हैं कि इस बार युवा चेहरों को ज्यादा मौका दिया जाए। राहुल गांधी ने भी चुनाव अभियान समिति का दायित्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपकर यह संकेत दे दिया था कि इस बार वे युवा वर्ग को ज्यादा मौका देना चाहते हैं।
वहीं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी भी बार-बार यही बात दोहरा रहे हैं कि युवाओं को ज्यादा मौका मिले। पटवारी के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह भी यह बात कई बार कह चुके हैं। कांग्रेस ने रणनीति के तहत एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को युवाओं को जोड़ने के लिए मैदान में उतार दिया है। वहीं युवा कांग्रेस के करीब एक दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाकर उनसे चर्चा भी की है। बताया जाता है कि युवा कांग्रेस के अधिक चेहरे इस बार मैदान में दिखाई दे सकते हैं।
18 से 29 वर्ष के मतदाता को लुभाने की कवायद
मध्यप्रदेश में 5,03,34,260 मतदाता हैं. इनमें 18 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 15,78,167 है, जबकि 20 से 29 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 1,37,83,383 है। इस तरह कुल 18 से 29 वर्ष की आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1, 53, 61, 550 करोड़ है। युवा वर्ग के इतनी संख्या में मतदाताओं को देख भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की नजरें इन पर टिकी हुई है। यह वजह भी है कि दोनों दल इस बार युवाओं को लुभाने के लिए युवा और नए चेहरों को मैदान में उतारना चाहते हैं।
(मध्य प्रदेश से राजेन्द्र पराशर की रिपोर्ट)