मध्य प्रदेश: SC के आदेश के मुताबिक आज कमलनाथ सरकार का शक्ति परीक्षण, विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर किए 16 विधायकों के इस्तीफे
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: March 20, 2020 07:09 AM2020-03-20T07:09:42+5:302020-03-20T07:53:23+5:30
मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 20 मार्च को बुलाये जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस आदेश के हर पहलू का अध्ययन करेंगे और इसके बाद अपने विधि विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर कोई निर्णय लेंगे।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का आज विधानसभा में शक्ति परीक्षण होना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री कमलनाथ आज इस्तीफा दे सकते हैं और विधानसभा में शक्ति परीक्षण दो से पांच बजे के बीच हो सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कमलनाथ सरकार 20 मार्च को शक्ति परीक्षण कराए। इस बाबत कांग्रेस और बीजेपी ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 20 मार्च को बुलाये जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस आदेश के हर पहलू का अध्ययन करेंगे और इसके बाद अपने विधि विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर कोई निर्णय लेंगे।
कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश का और इसके हर पहलू का हम अध्ययन करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे, सलाह लेंगे और फिर उसके आधार पर निर्णय लेंगे।’’
वहीं, गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस को 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनपी प्रजापति ने तंज कसा, ''विधायिका न्यायपालिका के निर्देशों का पालन कर रही है, दोनों संवैधानिक हैं। संविधान मौन है।''
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''स्पीकर को पहले ही विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने चाहिए थे। अब यह गंभीर बात हो गई है, फ्लोर टेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, प्रक्रिया की सूची प्रकाशित नहीं की गई है। क्या सरकार सुप्रीम कोर्ट से ऊपर है?
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 20 मार्च को शक्ति परीक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। कृपया सुनिश्चित करें कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा जिससे अदालत की अवमानना होती हो।''
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)