मध्य प्रदेश में 24 सीट पर उपचुनावः भाजपा-कांग्रेस में बगावती सुर, मनाने की कवायद जारी, नाराज नेताओं पर डोरे
By शिवअनुराग पटैरया | Published: June 11, 2020 08:50 PM2020-06-11T20:50:08+5:302020-06-11T20:50:08+5:30
22 विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुए स्थानों के साथ ही आगर और जौरा विधायकों की मृत्यु होने के कारण यहां भी उपचुनाव होना है. गौरतलब है कि ज्योतरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए 22 विधायकों ने तो तत्काल इस्तीफा दे दिया था, अब उनके समर्थक भी लगातार इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो रहे है.
भोपालः मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनावों से पहले असंतुष्टों ने दोनों बड़े दलों भाजपा और कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी हैं. मध्य प्रदेश में गत मार्च माह में सिंधिया समर्थक 22 विधायक (इनमें से 6 मंत्री भी थे) इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे.
इन 22 विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुए स्थानों के साथ ही आगर और जौरा विधायकों की मृत्यु होने के कारण यहां भी उपचुनाव होना है. गौरतलब है कि ज्योतरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए 22 विधायकों ने तो तत्काल इस्तीफा दे दिया था, अब उनके समर्थक भी लगातार इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो रहे है.
पिछले 2 माह में इंदौर और ग्वालियर-चंबल संभाग के हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता, पार्टी को छोड़कर भाजपा में शरीक हो चुके हैं. इसके काट के तौर पर, कांग्रेस, भाजपा के नाराज नेताओं पर डोरे डाल रही है. इसी क्रम में कांग्रेस से भाजपा में गए पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और उनके बेटे और भतीजे की कांग्रेस में वापसी कराई गई.
माना जा रहा है कि गुड्डू इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे. यहां पर कांग्रेस से आए तुलसी सिलावट भाजपा प्रत्याशी होने जा रहे हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर दौरे के दौरान तुलसी सिलावट के पक्ष भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सभा भी ली थी.
शिवराज सिंह द्वारा कांग्रेस सरकार को गिराए जाने का प्लान बताने का एक आडियो वायरल हो रहा
इस सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा कांग्रेस सरकार को गिराए जाने का प्लान बताने का एक आडियो वायरल हो रहा है. इसको लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है. बहुत संभव है कि वह इस आडियो को लेकर कोर्ट भी जाए. गुड्डू के कुछ समय पहले ही भाजपा से कांग्रेस में आए राकेश सिंह चतुर्वेदी भिंड जिले के मेहगांव से कांग्रेस के प्रत्याशी होना चाह रहे हैं.
लेकिन उनकी राह में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह और पूर्वमंत्री दिग्विजय सिंह ने अवरोध पैदा कर दिया है. इसके भडके राकेश सिंह चौधरी ने सार्वजनिक तौर पर अजय सिंह समेत कांग्रेस के दूसरे नेताओं पर आरोपों की झड़ी लगा दी. अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सुलह का रास्ता तलाश रहे हैं.
वैसे भाजपा में भी सब कुछ ठीक ठाक नहीं है. सिंधिया के साथ आए 22 कांग्रेसी पूर्व विधायकों को उनके पूराने क्षेत्रों से भाजपा के टिकट पर लड़ाये जाने की तैयारी है. इसके कारण पिछले चुनाव में कांग्र्रेस प्रत्याशियों से हार गए भाजपा नेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य का खतरा सताने लगा है. इसके चलते भाजपा के भीतर से भी बगावती सुर उठने लगे हैं.
पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि उनके सामने सभी विकल्प खुले
देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आए मनोज चौधरी को उपचुनाव में भाजपा का प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि उनके सामने सभी विकल्प खुले है।
दरअसल हाटपिपल्या विधानसभ क्षेत्र दीपक जोशी और उनके पूर्वमुख्यमंत्री पिता कैलाश जोशी का पारंपरिक क्षेत्र है. वह यहां से 2018 का चुनाव कांग्रेस के मनोज चौधरी से हार गए थे. दीपक जोशी ही नहीं, बल्कि भाजपा के पूर्वगृह मंत्री डा गौरीशंकर शेजवार और उनके पुत्र मुदित शेजवार भी नाराज हैं.
दरअसल सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व शिक्षा मंत्री डा प्रभुराम चौधरी को सांची विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने की बात तय मानी जा रही। इसे लेकर डा शेजवार ने कहा था कि भाजपा में खिलाफत करने वाले ही आगे बढ़ते है। इसके बाद उन्हे मनाने की जवाबदारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को सौंपी गई है.
इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी के भांजे और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा भी अपनी उपेक्षा को लेकर भाजपा के भीतर नाराज चल रहे हैं. उन्होंने बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपना विरोध जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि गलत का विरोध हमेशा खुलकर कीजिए, क्योंकि इतिहास टकराने वाले का लिखा जाता है, तलवे चाटने वालों का नहीं। मिश्रा के इन तेवरों को लेकर गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा को उन्हें मनाने की जवाबदारी सौंपी गई है.
डा. नरोत्तम मिश्रा इसी के तहत पिछले दिनों उनके निवास पर पहुंचे थे. कोरोना के संक्रमण के चलते भले ही निर्वाचन आयोग ने इन स्थानों के लिए चुनाव की कोई तारीख घोषित ना कि हो लेकिन यह तय माना जा रहा है कि आगामी कुछ माहों में उपचनुाव होंगे. इसके चलते कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल अपने-अपने असंतुष्टों को मनाने और साधने की कोशिश कर रहे हैं .