Madhya Pradesh by election 2020: बसपा ने कहा- कांग्रेस से गठजोड़ नहीं, सभी 24 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी
By भाषा | Published: May 21, 2020 08:27 PM2020-05-21T20:27:57+5:302020-05-21T20:27:57+5:30
भले ही चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश उपचुनाव के लिए तिथी की घोषणा नहीं की है। लेकिन सभी दल राजनीति रूप से मैदान में उतर गए। इस बीच बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि वह अपने बलबूते मैदान में उतरेगी।
भोपालः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारेगी और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी।
हालांकि, अभी इन उपचुनावों की तिथि घोषित नहीं हुई है। मध्य प्रदेश बसपा अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने गुरुवार को बताया, ''बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आदेशानुसार मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव में बसपा सभी 24 सीटों पर अकेले अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी।''
उन्होंने कहा कि इन 24 सीटों में से हम ग्वालियर—चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर पूरे दमखम से लड़ेंगे। इस संभाग की मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी एवं अशोकनगर जिलों की करीब 13 सीटों पर पहले हमारे विधायक रह चुके हैं।
पिप्पल ने बताया कि बाकी आठ सीटों पर भी हमारे प्रत्याशी खड़े होंगे और उन सीटों पर पार्टी की स्थिति को बेहतर करेंगे। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के लिए हमारी तैयारी जमीनी स्तर पर चल रही है। हालांकि, कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के चलते हमारी तैयारी थोड़ा धीमी हुई है।
पिप्पल ने बताया, ''किसानों की कर्जमाफी एवं बेरोजगारी हमारे प्रमुख मुद्दे होंगे। इसके अलावा, हम अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति के मुद्दों भी उठाएंगे।'' उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह में दावेदारी आवेदन फॉर्म लिए जाएंगे। उसके बाद पैनल सूची मायावती को भेजी जाएगी।
पिप्पल ने बताया कि बसपा के सभी कार्यकर्ता दिन—रात संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं और पूरी तैयारी से चुनावी मैदान में उतरेगी। मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से भाजपा के 107 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद उसकी संख्या घटकर 92 पर आ गई है।
इनके अलावा, चार निर्दलीय हैं, जबकि दो बसपा एवं एक सपा के पास है। वर्तमान में विधानसभा की 24 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुए हैं, जबकि दो सीटें भाजपा एवं कांग्रेस विधायक के निधन के बाद खाली हुई हैं।