पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आरोप, सोयाबीन की फसल बर्बाद होने के बाद भी शिवराज सरकार मौन
By शिवअनुराग पटैरया | Published: August 28, 2020 02:49 PM2020-08-28T14:49:01+5:302020-08-28T14:49:01+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि कि प्रदेश के कई हिस्सों से किसानो की सोयाबीन की फसल खराब होने की खबरें रोज सामने आ रही है. कही अतिवर्षा के कारण, कही व्हाइट फ़्लाई, कही स्टेम फ़्लाई, कही येलो मोजेक वाइरस की चपेट में सोयाबीन की फसल आ चुकी है.
भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों से सोयाबीन की फसल बर्बाद होने के बावजूद भी शिवराज सरकार व जिम्मेदार मौन है, किसानों की कोई सुध नहीं ली जा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि कि प्रदेश के कई हिस्सों से किसानो की सोयाबीन की फसल खराब होने की खबरें रोज सामने आ रही है. कही अतिवर्षा के कारण, कही व्हाइट फ़्लाई, कही स्टेम फ़्लाई, कही येलो मोजेक वाइरस की चपेट में सोयाबीन की फसल आ चुकी है.
अधिकांश जगह सोयाबीन के पत्ते पीले पढ़ने से लेकर पौधे सूखने व अफलन की निरंतर शिकायतें सामने आ रही है. प्रदेश के लाखों किसानों के सर पर फसल खराबी की इस नुकसानी का संकट भी आ पड़ा है. सरकार ने किसानो को राहत प्रदान करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने बयान में कहा कि किसान सरकार की ओर उम्मीद भारी निगाहों से देख रहा है, वो सर्वे व राहत की मांग कर रहा है लेकिन जिम्मेदार मौन है, सिर्फ़ जुबानी घोषणाओं से ही राहत की बात की जा रही है. खुद को किसान पुत्र बताने वाले, अपनी सरकार में किसान भाइयों की इस संकट में सुध तक नहीं ले रहे है. किसानों को कोई राहत प्रदान नहीं कर रहे है. किसान परेशान है, कर्ज़ के बोझ तले निरंतर दबता जा रहा है.
प्रदेश में यूरिया की जमकर कालाबाज़ारी
मध्य प्रदेशकांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में यूरिया की जमकर कालाबाज़ारी चल रही है. उन्होंने दावा किया, ‘‘आज प्रदेश में यूरिया का जमकर संकट बना हुआ है। प्रदेश के कई हिस्सों में किसानों को यूरिया के लिये भटकना पड़ रहा है। यूरिया की कालाबाज़ारी जमकर जारी है. किसानों को महंगे दामों पर यूरिया खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. खाद के लिये लाइनों में लगा किसान पुलिस की लाठियां भी खा रहा है.’’