शिवराज सरकार कर्मचारी विरोधी, कांग्रेस के पूर्व मंत्री बोले-नौकरियां खत्म करने की कोशिश, 13000 शासकीय स्कूल बंद
By शिवअनुराग पटैरया | Published: August 12, 2020 05:04 PM2020-08-12T17:04:20+5:302020-08-12T17:04:20+5:30
उम्मीद थी कि तीन दिन के चिंतन के बाद प्रदेश के हित में कुछ अच्छे निर्णय सरकार के द्वारा लिए जाएंगे, लेकिन इस पूरे चिंतन का जो निचोड़ आया है वह शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ है तथा प्रदेश की जनता के लिए कोई ऐसी विशेष घोषणा नहीं की गई, जिसकी लोग उम्मीद कर रहे थे.
भोपालः प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शासकीय कर्मचारियों के हितों को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. वर्मा ने सोशल मीडिया पर जारी अपने वीडियो संदेश के माध्यम से प्रदेश की शिवराज सरकार पर शासकीय कर्मचारियों की नौकरियां खत्म करने के षड्यंत्र करने का आरोप लगाया.
वर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने तीन दिन का वेब सेमिनार आयोजित किया जिससे प्रदेश की जनता को यह उम्मीद थी कि तीन दिन के चिंतन के बाद प्रदेश के हित में कुछ अच्छे निर्णय सरकार के द्वारा लिए जाएंगे, लेकिन इस पूरे चिंतन का जो निचोड़ आया है वह शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ है तथा प्रदेश की जनता के लिए कोई ऐसी विशेष घोषणा नहीं की गई, जिसकी लोग उम्मीद कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि यह प्रदेश का दुर्भाग्य है की एक अपरिपक्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां बैठा है. वर्मा ने आरोप लगाया कि तीन दिन के भाजपा के वेब सेमिनार के बाद जो मसौदा निकल कर आया है वह यह कि सभी शासकीय पदों को समाप्त कर दिया जाए और यह काम आउट सोर्स के माध्यम से कराए जाएं उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार हमेशा ही कर्मचारियों के हितों को दरकिनार करती आई है.
उन्होंने कहा कि इसका ज्वलंत उदाहरण है जब प्रदेश के 13000 शासकीय स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, एक और तुगलकी आदेश आया जिसमें सरकार ने कहा कि यदि शासकीय कर्मचारी की 20 वर्ष की नौकरी हो गई हो तो वह रिटायरमेंट ले ले अन्यथा 25 साल में उन्हें हटा दिया जाएगा. इस तरह का घिनौना षड्यंत्र भाजपा की सरकार उन शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए कर रही है जिन्होंने सालों साल इस प्रदेश के लिए अपना खून पसीना बहाया.