किसानों की ऋण माफी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा-शिवराज और सिंधिया माफी मांगे, झूठ का पदार्फाश
By शिवअनुराग पटैरया | Published: September 22, 2020 05:31 PM2020-09-22T17:31:42+5:302020-09-22T17:31:42+5:30
झूठ की राजनीति का पदार्फाश स्वयं शिवराज सरकार ने कल विधानसभा में कर दिया है और स्वीकार किया कि प्रदेश में प्रथम और द्वितीय चरण में कांग्रेस की सरकार ने 51 जिलों में 26 लाख 95 हजार किसानों का 11 हजार 6 सौ करोड़ रुपए से अधिक का ऋण माफ किया है.
भोपालः प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर कांग्रेस सरकार की ऋण माफी योजना को लेकर गलत बयानी का आरोप लगाते हुए कहा कि ऋण माफी पर पहले दिन से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए ज्योतिरदित्य सिंधिया झूठ बोलते रहे हैं.
इस झूठ की राजनीति का पदार्फाश स्वयं शिवराज सरकार ने कल विधानसभा में कर दिया है और स्वीकार किया कि प्रदेश में प्रथम और द्वितीय चरण में कांग्रेस की सरकार ने 51 जिलों में 26 लाख 95 हजार किसानों का 11 हजार 6 सौ करोड़ रुपए से अधिक का ऋण माफ किया है.
प्रदेश की जनता से सफेद झूठ बोलने और गुमराह करने की घृणित राजनीति के लिए शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए. नाथ ने एक बयान जारी कर कहा कि ग्वालियर दौरे के दौरान मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को किसानों की ऋण माफी के मुद्दे पर खुली बहस करने की चुनौती दी थी.
कांग्रेस सरकार ने 26 लाख 95 हजार किसानों का ऋण माफ किया था
वे इस मुद्दे पर खुली बहस करते, उसके पहले ही उनकी सरकार ने विधानसभा में स्वीकार कर लिया कि कांग्रेस सरकार ने 26 लाख 95 हजार किसानों का ऋण माफ किया था और स्वीेकृति की प्रकिया में शेष पांच लाख नब्बे हजार किसानों की संख्या को भी स्वीकार किया है, जिसकी स्वीकृति मेरी सरकार के समय की गयी थी.
नाथ ने कहा कि इस सच्चााई को स्वीकार करने के बाद शिवराज सरकार को शेष किसानों की ऋण माफी की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जो बहाना ऋण माफी योजना की समीक्षा का बनाया गया है, वह यह बताता है कि भाजपा और शिवराज सिंह किसानों के विरोधी है.
कांग्रेस सरकार ने ऋण माफी की जो योजना बनाई थी,वह पूर्णत: विचार विमर्श के बाद ही तैयार की गई थी, जिसकी समीक्षा करने की कोई गुंजाइश नहीं बचती है. शिवराज सरकार कोई समय-सीमा भी बताने को तैयार नहीं है, इससे यह स्पष्ट होता है कि वे किसानों की कर्ज माफी करना ही नहीं चाहते. नाथ ने कहा कि हाल ही में संसद में गैर संवैधानिक तरीके से जो कृषि विधेयक पास हुए है, उससे भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा मूलत: किसान विरोधी है, वह किसानों का भला नहीं चाहती है.