मध्यप्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष के लिए सियासत तेज, मुसीबत में बीजेपी

By राजेंद्र पाराशर | Published: January 10, 2019 04:19 AM2019-01-10T04:19:28+5:302019-01-10T04:19:28+5:30

कांग्रेस द्वारा भाजपा को यह पद न दिए जाने से उसके मंत्री न बनने वाले विधायकों में से एक विधायक की नाराजगी को भी कांग्रेस दूर कर देगी। भाजपा की जरा सी भूल के चलते कांग्रेस के लिए यह फायदा हो सकता है।

Madhya pradesh assembly Vice president election | मध्यप्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष के लिए सियासत तेज, मुसीबत में बीजेपी

मध्यप्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष के लिए सियासत तेज, मुसीबत में बीजेपी

मध्यप्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष पद को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जंग तेज हो गई है। अध्यक्ष के निर्वाचन के वक्त विरोध करते हुए सदन से वाक आउट करना भाजपा को अब महंगा पड़ रहा है। कांग्रेस ने इस पद के लिए बालाघाट जिले के लांजी विधानसभा क्षेत्र की विधायक हिना कांवरे को प्रत्याशी बनाया और नामांकन भरवा दिया। वहीं भाजपा ने इस पद के लिए जगदीश देवड़ा को प्रत्याशी बनाया है।

मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार उतारने के बाद विरोध कर सदन से वाकआउट करना अब भाजपा के लिए महंगा साबित हो रहा है। बदले राजनीतक परिदृश्य के तहत कांग्रेस ने अब भाजपा को परंपरा के अनुसार दिया जाने वाला उपाध्यक्ष का पद न देने का मन बना लिया है। कांग्रेस ने इस पद के लिए हिना कांवरे को मैदान में उतार दिया है।हिना कांवरे ने आज अपना नामांकन भी दिया है। वहीं भाजपा ने भी फिर से साहस दिखाया और जगदीश देवड़ा को उम्मीदवार बनाया है। वैसे इस पद के लिए गुरुवार को सारी स्थिति साफ होगी, इसी दिन चुनाव होना है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक अब भी चाहते हैं कि कांग्रेस परंपरा अनुसार उपाध्यक्ष पद भाजपा को दे, मगर कांग्रेस अध्यक्ष पद के दौरान भाजपा के सदन से चले जाने से नाराज है, इसके चलते वह अब यह पद भाजपा को नहीं देना चाहती है।

एक विधायक की नाराजगी होगी दूर

कांग्रेस द्वारा भाजपा को यह पद न दिए जाने से उसके मंत्री न बनने वाले विधायकों में से एक विधायक की नाराजगी को भी कांग्रेस दूर कर देगी। भाजपा की जरा सी भूल के चलते कांग्रेस के लिए यह फायदा हो सकता है। कांग्रेस नेता यह चाहते हैं कि एक विधायक को उपाध्यक्ष बना दिया जाए तो नाराज विधायकों की संख्या कम हो जाएगा।

सज्जन बोले अब होगी जंग

राज्य के लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने कहा कि अब उपाध्यक्ष पद के लिए जंग होगी। उन्होंने कहा कि जंग की शुरुआत तो भाजपा ने की है, इसलिए जंग को जंग की ही तरह लड़ा जाएंगा। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा।सीताशरण शर्मा ने कहा कि परंपराओं के मुताबिक उपााध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। उन्होंने सत्ता पक्ष से इस बात की उम्मीद जताई कि वह ऐसा ही करेगी। वहीं संसदीय कार्यमंत्री गोविंंद सिंंह ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी उतारकर भाजपा ने परंपरा को तोड़ा है, इसलिए अब हमने उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी उतारा है। भाजपा को परंपरा तोड़ने का खामियाजा तो भुगतना पड़ेगा।

एक दिन पहले सत्र हो सकता है समाप्त

गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि वर्तमान सत्र एक दिन पहले याने गुरुवार को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसा भाजपा के कहने पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भाजपा विधायकों ने दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक है जिसके चलते भाजपा विधायकों की यह मांग थी। कल 10 जनवरी को राज्यपाल के अभिभाषण और अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद सत्र का समापन हो सकता है। उल्लेखनीय है कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 11 एवं 12 जनवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में होना प्रस्तावित है। इस बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा विधायक दिल्ली जाने वाले हैं।

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