MP: सीएम शिवराज सिंह चौहान 3 से 4 दिन में कर सकते हैं मंत्रिमंडल का विस्तार, राज्यपाल लालजी टंडन से आज करेंगे मुलाकात
By शिवअनुराग पटैरया | Published: May 25, 2020 10:17 AM2020-05-25T10:17:57+5:302020-05-25T10:18:40+5:30
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेने के 29 दिन बाद 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया था। मुख्यमंत्री ने जिन पांच सदस्यों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया है उनमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह एवं कमल पटेल शामिल हैं।
भोपाल.मध्य प्रदेश के शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार आगामी तीन से चार दिन में हो सकता है। बहुत संभव है कि मंत्रिमंडल का विस्तार आगामी 28 मई अथवा 29 मई को लॉकडॉउन के खत्म होने के पहले हो जाए. देश में 25 मार्च से कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन लागू है. देश में अभी चौथे चरण का लॉकडाउन चल रहा है, जो 31 मई को खत्म होने वाला है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज (25 मई) सुबह 11 बजे इसको लेकर राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने वाले हैं. 23 मार्च को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कामकाज संभालने के कुछ दिनों बाद मंत्रिमंडल का एक संक्षिप्त विस्तार किया था, जिसमें पांच मंत्रियों को शामिल किया गया था .
इसके बाद से ही मंत्रिमंडल के बड़े विस्तार की माँग उठ रही थी. खास तौर से उन लोगों की तरफ़ से जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शरीक हुए थे. इनमें 6 मंत्रियों समेत 22 विधायक शामिल थे ,जिनमें से 2 तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को पहले विस्तार में मंत्री बनाया जा चुका है. प्रस्तावित विस्तार में शेष बचे लोगों में से 10-11 को शामिल किया जा सकता है. शेष मंत्री भाजपा के पुराने लोग होंगे.
मध्य प्रदेश में 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन हुआ था
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेने के 29 दिन बाद 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया था. मुख्यमंत्री ने जिन पांच सदस्यों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया था उनमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह एवं कमल पटेल शामिल थे.
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में एक छोटे एवं सादे समारोह में इन सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. इनमें से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं. ये दोनों कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे और सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उन 22 विधायकों में शामिल थे जो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे.