लोकसभा चुनाव: चतरा को माना जाता है RJD का गढ़ पर 2014 में यहां खिला कमल, इस बार भी मुकाबला दिलचस्प
By पल्लवी कुमारी | Published: March 7, 2019 07:34 AM2019-03-07T07:34:38+5:302019-03-07T09:35:45+5:30
चतरा लोकसभा सीट: वर्तमान में चतरा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के सुनील कुमार सिंह सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार सिंह ने कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू को भारी मतों से हराया था।
झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में एक चतरा पर हर आम चुनाव में सबकी नजरें होती हैं। इसके पीछे का कारण है कि यह लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की परंपरागत सीट मानी जाती है। इस बार यहां राजद का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से होना है। कांग्रेस इस सीट पर गठबंधन में आना चाहती है लेकिन स्थिति अभी साफ नहीं हो पाई है। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी अभी तक कुछ साफ नहीं किया है।
वर्तमान में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के सुनील कुमार सिंह सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार सिंह ने कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू को भारी मतों से हराया था। 2014 में 54.32 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। बीजेपी हर हाल में चतरा में 2014 की जीत को 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दोहराना चाहेगी। लेकिन विपक्षी पार्टियां बीजेपी को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
चतरा लोकसभा सीट का परिचय
चतरा जिला झारखण्ड के दक्षिण पूर्व में है। चतरा लोकसभा सीट नक्सल प्रभावित जिले पलामू, चतरा और लातेहर में फैला हुआ है। पलामू, चतरा और लातेहर की गिनती झारखंड के पिछड़े जिलों में की जाती है। चतरा लोकसभा सीट पर अनुसूचित जाति और जनजाति का दबदबा है। इसके अलावा यहां पिछड़ी जातियां भी है। मौटे तौर पर कहा जाए तो ये इलाका झारखंड के स्थानीय निवासियों से भरा हुआ है, जिसमें आदिवासी और खोटा समुदाय के लोग ज्यादा हैं। चतरा लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीट है, जो इस प्रकार है- चतरा, लातेहार, मनिका, सिमरिया और पांकी।
यह क्षेत्र वनीय संपदा और खनिज से से भरा हुआ है। इस पूरे इलाके में औषधी के पेड़, बांस, साल, सागौन, और जड़ी-बूटियां अत्याधिक मात्रा में पाई जाती हैं। खास बात ये है कि इस इलाके में जंगली जीवों के संरक्षण के लिए अभयारण्य भी बनाया गया है। इस इलाके में नक्सलवादी उग्रवादी संगठन काफी सक्रिय हैं। इसलिए ये पूरा इलाका लाल गलियारा भारत के पूर्वी भाग का एक क्षेत्र है।
चतरा जिले के अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ये जिला 29.05.1991 में अस्तित्व में आया। जिले के 2 उपभाग है। 12 ब्लाक हैं। जिले में 154 पंचायतें और 1474 गाँव हैं। 1991 से पहले चतरा हजारीबाग जिले का उपभाग कहा जाता था। चतरा जिले की अबादी 1,042,886 है। जिसमें पुरुष 5,33,935 और महिलाएं 5,08,951 इतनी हैं। चतरा जिले का क्षेत्रफल 3706 वर्गमीटर किमी है।
चतरा लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
आजाद भारत के लोकसभा निर्वाचन 1952 में यह सीट अस्तित्व में नहीं था। साल 1957 में यहां सांसद चुनने के लिए पहली बार वोटिंग हुई। 1957 में यहां जनता पार्टी के विजया राजे जीते थे। इसके बाद 1962 में विजया राजे ही जीते थे, लेकिन इसबार वो स्वतंत्र चुनाव लड़े थे। 1967 के लोकसभा चुनाव में भी तीसरी बार विजया राजे जीते लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर।
1971 के चुनाव में यहां कांग्रेस का खाता खुला और उम्मीदवार शंकर दयाल सिंह जीते। 1977 सुखदेव प्रसाद वर्मा जीते, जो जनता पार्टी से थे। 1980 में फिर से कांग्रेस ने वापसी की और रणजीत सिंह विजयी हुए। 1984 में भी कांग्रेस के प्रत्याशी योगेश्वर प्रसाद योगेश जीते।
1996 में चतरा लोकसभा सीट पर पहली बार खुला बीजेपी का खाता
1989 और 1991 का चुनाव जनता दल के टिकट पर उपेंद्र नाथ वर्मा जीत थे। 1996 1996 में चतरा लोकसभा सीट पर पहली बार बीजेपी का खाता खुला और धीरेंद्र अग्रवाल जीते। 1998 में भी चुनाव बीजेपी के धीरेंद्र अग्रवाल ने ही जीता। 1999 में चतरा सीट से भारतीय जनता पार्टी (राजद) के नागमणि कुशवाहा जीते थे। 2004 में धीरेंद्र अग्रवाल राजद की ओर से चुनाव जीतकर तीसरी बार सांसद बने थे। 2009 में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार इंदर सिंह नामधारी जीते।
बीजेपी ने 2014 में दर्ज की ऐतिहासिक जीत
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुनील कुमार सिंह ने कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू को भारी मतों से हराया था। 2014 में 54.32 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दो सीट चतरा, मनिका पर जीती थी। तो वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने दो सीट लातेहार, सिमरिया पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को एक सीट पांकी मिला था।
2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में इस सीट पर बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। बीजेपी के सुनील सिंह 2.95 लाख वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के धीरज साहू को 1.17 लाख वोट मिले थे। इस सीट से 2014 में तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस के नौशाद आलम करीब 8 हजार वोट मिले थे।
राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव का दावा- चतरा लोकसभा सीट राजद का गढ़ रहा है
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने साफ कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में राजद पलामू और चतरा सीट नहीं छोड़ने वाली है। लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर राजद अपना प्रत्याशी महागठबंधन के तहत खड़ा करेगी। राजेश यादव के मुताबिक, पलामू और चतरा लोकसभा क्षेत्र राजद का गढ़ रहा है।
राजेश यादव का दावा है कि इन दोनों लोकसभा क्षेत्र में राजद बाकी दलों के मुकाबले मजबूत स्थिति में है। यूपीए महागठबंधन के नेताओं को चाहिए कि जनाधार को देखते हुए लोकसभा चुनाव में राजद को यह दो सीट स्वेच्छा से छोड़ दे। इन्होंने कहा कि राजद ने अपनी मंशा से यूपीए महागठबंधन के नेताओं को इस बारे में बता दिया है।