महागठबंधन में सीटों के चयन को लेकर अभी भी नहीं थमी है रार, कई सीटों पर कांग्रेस-राजद में फंसा पेंच

By एस पी सिन्हा | Published: March 28, 2019 06:09 AM2019-03-28T06:09:20+5:302019-03-28T06:09:20+5:30

महागठबंधन में दरभंगा के साथ कई ऐसी सीट है जिसपर कांग्रेस और राजद में अभी पेच फंसा हुआ है. इनमें पटना साहिब, मुंगेर, मधेपुरा और सुपौल ऐसी सीट है, जिनपर कांग्रेस और राजद के बीच अब भी बातचीत का दौर जारी है.

lok sabha election seat sharing issue has not solved till in mahagathbandhan | महागठबंधन में सीटों के चयन को लेकर अभी भी नहीं थमी है रार, कई सीटों पर कांग्रेस-राजद में फंसा पेंच

महागठबंधन में सीटों के चयन को लेकर अभी भी नहीं थमी है रार, कई सीटों पर कांग्रेस-राजद में फंसा पेंच

बिहार में महागठबंधन दलों के बीच सीटों के चयन को लेकर अभी भी रार थमी नहीं है. इसमें अधिकतर मामलों में कांग्रेस और राजद आमने-सामने हैं. दलों ने महामंथन किया और सीटों की संख्या का एलान तो कर दिया गया, पर पहले और दूसरे चरणों को छोड़ बाकी के पांच चरणों की सीटों को लेकर अब भी पेच फंसा है. खगड़िया को लेकर राजद और वीआइपी, तो दरभंगा को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच जिच कायम है. 

महागठबंधन में दरभंगा के साथ कई ऐसी सीट है जिसपर कांग्रेस और राजद में अभी पेच फंसा हुआ है. इनमें पटना साहिब, मुंगेर, मधेपुरा और सुपौल ऐसी सीट है, जिनपर कांग्रेस और राजद के बीच अब भी बातचीत का दौर जारी है. हालांकि बीच-बीच में दोनों ही दल अपने-अपने उम्मीदवारों का नाम भी उछाल रहे हैं. ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम मतदाता भी दुविधा में है. 

सबसे अधिक सीटें उत्तर बिहार की हैं, जहां से लड़ने वाली पार्टी व उम्मीदवारों के नाम अब तक तय नहीं हो पाये हैं. इन सीटों में दरभंगा को लेकर औपचारिक एलान नहीं होने से राजद और कांग्रेस दोनों ही दलों के कार्यकर्ता दुविधा में हैं. राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने चार से सात अप्रैल के बीच वहां से नामांकन का संकेत दिया है. अब जबकि तीसरे चरण के नामांकन की तारीख भी नजदीक आ गई है, लेकिन सीट एडजस्टमेंट का मसला फेजवाइज सलटाने की कोशिश भी नाकाम दिख रही है. 

लगभग दर्जन भर ऐसी सीटें हैं, जिसपर अभी पेच फंसा हुआ है. राजद और कांग्रेस ही नहीं, रालोसपा, हम और वीआईपी के नेता-कार्यकर्ता सभी पसोपेश में हैं. हालात ये है कि किसी भी दल का उम्मीदवार खुल के प्रचार नहीं कर पा रहा है. अधिकतर सीटों पर उम्मीदवार अपने ही नाम को लेकर संशय में हैं. 

दरभंगा सीट पर कांग्रेस के कीर्ति आजाद, राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी या यहां के राजद के परम्परागत उम्मीदवार अली अशरफ फातमी में से किसे यह सीट मिलेगी, अबूझ पहेली बनी हुई है. मधुबनी सीट राजद के खाते में जाने की संभावना है, लेकिन यहां पार्टी के दो मुस्लिम चेहरे के बीच दावेदारी की संभावना है. 

हालांकि कांग्रेस के डा. शकील अहमद के बारे में भी खूब चर्चा हो रही है. वहीं, झंझारपुर सीट राजद के खाते में है, लेकिन उम्मीदवार के चयन को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. यहां राजद से ही गुलाब यादव और ब्राह्मण चेहरा राजीव मिश्रा के नाम की चर्चा है. जबकि सीतामढ़ी रालोसपा की सीटिंग सीट है, लेकिन राजद और शरद यादव की पार्टी भी दावेदारी ठोक रही है. 

शरद यादव के अर्जुन राय यहां से चुनाव लडना चाहते हैं. उसी तरह से हम की नालंदा सीट रालोसपा को दिए जाने की चर्चा हो रही है. जाहिर है सवाल उठ रहे हैं कि आखिर हम की तीसरी सीट कौन होगी? मुजफ्फरपुर सीट पर मुकेश सहनी की वीआईपी की दावेदारी है, लेकिन कांग्रेस ने यहां लडने की इच्छा जताकर पेच फंसा दिया है. वहीं, पूर्वी चम्पारण सीट से कांग्रेस के डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह अपने बेटे आकाश को लडाना चाहते हैं. जबकि रालोसपा के माधव आनंद के लिए उपेन्द्र कुशवाहा अड़े हुए हैं. वाल्मीकिनगर सीट कांग्रेस चाहती है, जबकि रालोसपा उसपर नजर गड़ाए हुए है. 

हालांकि दरभंगा की भरपाई के लिए महागठबंधन की ओर से कांग्रेस को वाल्मीकिनगर की सीट ऑफर किए जाने की खबर है. यहां से कीर्ति आजाद या ब्रजेश कुमार पांडेय पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं. जबकि सुपौल सीट कांग्रेस की इस सीटिंग सीट पर राजद के स्थानीय नेता मानने को तैयार नहीं हैं. वहां से राजद विधायक यदुवंश यादव ने कहा है कि अगर रंजीता रंजन को टिकट मिलेगा तो उसका विरोध करेंगे. यहां से रंजीता रंजन कांग्रेस की सीटिंग एमपी हैं. 

वहीं, महाराजगंज सीट पर राजद के संभावित उम्मीदवार और प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह प्रचार भी शुरू कर चुके है तो कांग्रेस से विमल कीर्ति सिंह और तारकेश्वर सिंह वहां से लड़ने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं. खगड़िया सीट पर विवाद का आलम यह है कि वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी को यह सीट देने की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है. 

पिछले चुनाव में वहां से राजद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ीं कृष्णा यादव चुनाव लड़ने के लिए राजद से अलग हो गई हैं और भाकपा के समर्थन से निर्दलिय लड़ने जा रही हैं. वहीं, शिवहर सीट पर राजद और कांग्रेस दोनों की दावेदारी है. जबकि उजियारपुर लोकसभा सीट रालोसपा के खाते में जाने के आसार हैं. लेकिन रालोसपा की दावेदारी से मामला उलझा है.

Web Title: lok sabha election seat sharing issue has not solved till in mahagathbandhan