लोकसभा चुनाव 2019: एमपी की ये तीन सीटें हैं बीजेपी का गढ़, क्या दिग्विजय ढहा पाएंगे बीजेपी का किला?
By ज्ञानेश चौहान | Published: March 19, 2019 03:35 PM2019-03-19T15:35:19+5:302019-03-19T15:35:19+5:30
कांग्रेस पार्टी द्वारा ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि दिग्विजय सिंह का इंदौर और राजगढ़ में मजबूत जमीनी नेटवर्क है। दोनों ही जगहों पर उनके पास मजबूत टीम है। ये टीम इंदौर सीट पर जीत दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव 2019 में मध्य प्रदेश की किसी सीट से लड़ने की तैयारी में हैं। एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह से अपील की है कि वो बीजेपी के किसी मजबूत गढ़ में कांग्रेस का पताका लहराए। कमलनाथ ने उन्हें कहा है कि वे ऐसी सीट से चुनाव लड़ें जिस पर लंबे समय से कांग्रेस पिछड़ी हुई है। कमलनाथ का इशारा इंदौर, भोपाल और विदिशा लोकसभा सीट की तरफ माना जा रहा है।
सुमित्रा महाजन का गढ़ है इंदौर
दिग्विजय सिंह 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। राज्य भर उनके समर्थक हैं। इंदौर संसदीय सीट से मौजूदा मंत्री जीतू पटवारी, तुलसी सिलावट से लेकर पहले चुनाव लड़ चुके सत्यनारायण पटेल दिग्विजय सिंह के लिए काम करेंगे। ऐसे में सभी गुटों के सिंह के लिए एकजुट होने के समीकरण इंदौर सीट पर जीत दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
इंदौर लोकसभा सीट ऐसी सीट है जहां पर पिछले 30 सालों से बीजेपी का दबदबा है। साल 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी से सुमित्रा महाजन ने जीत हासिल की थी। इसके बाद से वे 8 बार लगातार इस सीट पर चुनाव जीत चुकी हैं।
भोपाल और विदिशा सीट पर भी बीजेपी का कब्जा
मध्यप्रदेश इंदौर सीट के अलावा भोपाल और विदिशा सीट पर भी बीजेपी ने पिछले 30 सालों से कब्जा किया हुआ है। इन दोनों सीटों पर दिग्विजय की ज्यादा मजबूत पकड़ नहीं है। अगर वे इन दोनों में से किसी एक सीट पर चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए चुनौती बढ़ जाएगी। हालांकि कमलनाथ की अपील पर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिस भी सीट से उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे, वहां से वह तैयार हैं।