हिटलर की बहन लगती हैं एलजी किरण बेदी, ऐसा बर्ताव करती हैं कि वह देश की राष्ट्रपति हैंः नारायणसामी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 19, 2019 08:45 PM2019-11-19T20:45:04+5:302019-11-19T20:45:04+5:30
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बेदी ऐसा बर्ताव करती हैं कि ‘‘वह देश की राष्ट्रपति हैं।’’ उन्होंने उपराज्यपाल से ‘‘समानांतर प्रशासन’’ नहीं चलाने का अनुरोध किया।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच टकराव लगातार जारी है। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने उपराज्यपाल किरण बेदी के कामकाज के तरीके की आलोचना करते हुए कहा कि वह हिटलर की “बहन लगती हैं।”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बेदी ऐसा बर्ताव करती हैं कि ‘‘वह देश की राष्ट्रपति हैं।’’ उन्होंने उपराज्यपाल से ‘‘समानांतर प्रशासन’’ नहीं चलाने का अनुरोध किया। नारायणसामी ने कहा कि बेदी से अपेक्षा थी कि वह कैबिनेट की सहायता और सलाह के साथ नियम, कायदे और संवैधानिक प्रावधानों का पालन करेंगी, लेकिन वह इसके उलट कार्य कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ध्यान दिला दूं मैडम, समानांतर प्रशासन मत चलाइए। इसकी बजाए निर्वाचित सरकार का सम्मान कीजिए और संविधान के अनुसार काम करिए।’’ मई 2016 में उपराज्यपाल पद पर किरण बेदी की नियुक्ति के बाद से ही नारायणसामी और उनके बीच कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है। दोनों अपने-अपने प्रशासनिक मामलों में एक-दूसरे पर दखलअंदाजी के आरोप लगाते रहे हैं। नारायणसामी द्वारा ‘राक्षस’ कहे जाने पर उपराज्यपाल बेदी ने शनिवार को कहा था कि मुख्यमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह कोई ‘रबड़ स्टांप उपराज्यपाल हैं, जिसका काम सिर्फ हस्ताक्षर करना है।
बेदी ने आरोप लगाया था कि पुडुचेरी में जिस दिन से उन्होंने पदभार संभाला तब से कांग्रेस सरकार उन्हें अपने इशारे पर चलाना चाहती है। उन्होंने कहा था, ‘‘मुझसे उनकी जो उम्मीदें थीं, शुरू से ही वो उनके उलट रहीं। हो सकता है वे इसके उलट व्यवहार के आदी रहे हों।’’ नारायणसामी ने सोमवार को ‘‘राक्षस’’ संबंधी अपनी टिप्पणी पर सफाई दी । उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनके नाम का उल्लेख नहीं किया था। मैं बस ये कह रहा था कि पुडुचेरी भेजे गए कुछ लोग विकास कार्यों को बाधित कर रहे हैं। अगर वह प्रतिक्रिया जताती हैं तो मैं क्या कर सकता हूं ।’’
अपने आरोप दोहराते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बेदी रोजाना के प्रशासनिक कामकाज में दखल दे रही हैं और समानांतर सरकार चला रही हैं जो कोई राज्यपाल नहीं करता। वह ऐसा बर्ताव कर रही हैं कि वह देश की राष्ट्रपति हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, राष्ट्रपति को भी मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से चलना पड़ता है ।’’
नारायणसामी ने जोर दिया कि राज्य सरकार भी ऐसा नहीं सोचती थी कि वह ‘‘रबड़ स्टांप राज्यपाल’’ की तरह होंगी और महज कागज पर दस्तखत करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे ऐसा कभी नहीं कहा। हम उनसे बस इतना चाहते हैं कि वह वैसा व्यवहार करें जैसा दूसरे राज्यों में उनके समकक्ष निर्वाचित सरकार के साथ करते हैं ।