लोकसभा चुनाव 2019: खूंटी सीट के लोग जल्दी नहीं बदलते अपना नेता, 7 बार जीतने वाले BJP के करिया मुंडा को हराना आसान नहीं
By पल्लवी कुमारी | Published: March 16, 2019 08:05 AM2019-03-16T08:05:01+5:302019-03-16T08:05:01+5:30
खूंटी लोकसभा सीट: यहां के मौजूदा सांसद बीजेपी के करिया मुंडा हैं। करिया मुंडा इस सीट से आठ बार जीते हैं। जिसमें सात बार वह बीजेपी की ओर से और एक बार जनता पार्टी की ओर से।
झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ रही है। यहां के मौजूदा सांसद बीजेपी के करिया मुंडा हैं। करिया मुंडा इस सीट से आठ बार जीते हैं। जिसमें सात बार वह बीजेपी की ओर से और एक बार जनता पार्टी की ओर से जीते हैं। कहा जात है कि खूंटी के लोग अपना नेता बार-बार नहीं बदलते हैं, शायद यही वजह है कि करिया मुंडा यहां से आठ बार जीत चुके हैं। 2014 में यहां वोटिंग 66. 28 प्रतिशत रही। बीजेपी पूरी कोशिश करेगी कि 2014 वाली जीत 2019 में भी दोहराई जाए।
खूंटी लोकसभा सीट का परिचय
खूंटी लोकसभा क्षेत्र चार जिलों और छह विधानसभा क्षेत्रों में फैला हुआ है। खूंटी लोकसभा सीट खूंटी और सिमडेगा जिले तक फैला हुआ है। इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंदर 6 विधान सभा क्षेत्र आते हैं। जो निन्म है, खरसावाँ, तमर, तोरपा, सिमडेगा, खूंटी और कोलेबिरा है। ये पूरा क्षेत्र जनजातियों की जनता के लिए आरक्षित है। यही वजह है कि इस पूरे लोकसभा क्षेत्र के अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित रखा गया है।
खूंटी जिले की अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जिले का क्षेत्रफल 2611 वर्ग. किमी. है। जिले की जनसंख्या 5,31,885 है। जिसमें पुरुष 2,67,525 और महिला 2,64,360 है। यहां साक्षरता दर 64.51 प्रतिशत है। जिले में 756 गांव है। यहां नागपुरी और मुंडारी भाषा बोली जाती है। जो झारखंड की स्थानीय भाषा है। इलाके की बड़ी जनसंख्या अनुसचित जनजाति से सम्बन्ध रखती है, जो कुल जनसंख्या का कुल 64.85 फीसदी है।
खूंटी लोकसभा सीट का पूरा इलाका लगभग नक्सल प्रभावित है। खूंटी और सिमडेगा जिले पीएलएफआई के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। खरसांवा और रांची के तमाड़ में नक्सलियों का बोलबाला है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आये दिन इन पूरे इलाकों में नक्सली घटना होते रहती है।
खूंटी लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
मौजूदा सांसद करिया मुंडा यहां के सबसे कद्दावर नेता में से एक हैं। वो इस सीट से सात बार जीत चुके हैं। बीजेपी से वह चुनाव लड़कर लगातार जीतते रहते हैं। इसलिए खूंटी लोकसभा सीट के लिए लोग कहते भी हैं कि यहां के लोग जल्दी से अपना नेता नहीं बदलते हैं। 1952, 1957 और 1962 में यहां से कांग्रेस के जयपाल सिंह जीते थे। 1971में यहां से निर्मल एनम होरो जीते, जो कि झारखंड पार्टी के नेता थे। 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर यहां पहली बार करिया मुंडा जीते थे। 1980 में निर्मल एनम होरो फिर से जीते। 1984 में यहां कांग्रेस आई और साइमन तिग्गा जीते।
1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 में बीजेपी से करिया मुंडा जीते। 2004 कांग्रेस के सुशीला केरकेट्टा जीते। लेकिन 2009 में फिर से बीजेपी के करिया मुंडा ने बाजी मारी। 2014 में करिया मुंडा ही जीते।
झारखंड में बीजेपी और आजसू साथ-साथ
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लोकसभा 2019 के लिए आजसू से गठबंधन किया है। बीजेपी झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से 13 लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। वहीं, आजसू सिर्फ एक लोकसभा सीट गिरिडीह से चुनाव लड़ेगी। हालांकि बीजेपी ने अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
झारखंड महागठबंधन: कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद का समीकरण
झारखंड लोक सभा चुनाव में महागठबंधन के फैसला 2019 के फरवरी में ही हो गया है। लोक सभा चुनाव में कांग्रेस 7 सीटों पर तो झामुमो 4 झाविमो 2 और राजद 1 सीट पर चुनाव लड़ेंगे। लेकिन विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटे झामुमो को दी जाएगी। गठबंधन के बाद सामने आई जानकारियों को मुताबिक (अभी तक) 14 लोक सभा सीटों में से राजमहल, दुमका और गिरिडीह से झामुमो है। कांग्रेस लोहरदगा, खूंटी, रांची, धनबाद और जमशेदपुर से प्रत्याशी खड़े करेगी। बाकी सीटों पर अभी फैसला नहीं आया है।'
सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक होंगे लोकसभा चुनाव
चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरण में, 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है। सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी। झारखंड में चौथे चरण में चुनाव शुरू होगा।
झारखंड (14 सीट)
चरण | चुनाव की तारीख | संसदीय क्षेत्र का नाम |
चौथा चरण | 29 अप्रैल | चतरा, लोहरदग्गा,पालामू |
पांचवां चरण | 6 मई | कोडरमा, रांची, खूंटी, हजारीबाग |
छठवां चरण | 12 मई | गिरिडीह, धनबाद, जमशेदपुर, सिंहभूम |
सातवां चरण | 19 मई | राजमहल, दुमका, गोड्डा |