केरल विधानसभा चुनाव 2021ः शरद पवार को झटका, एनसीपी ने एलडीएफ का साथ छोड़ा, कांग्रेस नीत मोर्चे में होगा शामिल

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 13, 2021 02:32 PM2021-02-13T14:32:15+5:302021-02-13T15:16:17+5:30

Kerala Assembly Elections 2021: केरल के परिवहन मंत्री एवं राकांपा के प्रतिद्वंद्वी धड़े के मुखिया ए के शशींद्रन ने विधायक मणि सी कप्पन पर हमला किया है। 

Kerala Assembly Elections 2021 sharad Pawar NCP splits MLA Mani C Kappen join Congress-led front leaves LDF | केरल विधानसभा चुनाव 2021ः शरद पवार को झटका, एनसीपी ने एलडीएफ का साथ छोड़ा, कांग्रेस नीत मोर्चे में होगा शामिल

2019 उपचुनाव में मणि सी कप्पन ने पाला सीट पर जीत दर्ज किया था। (file photo)

Highlightsकप्पन ने कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले संयुक्त डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) में शामिल होने की घोषणा की।एलडीएफ ने विधानसभा सीट पाला केरल कांग्रेस पार्टी को दे दी है।केरल कांग्रेस पार्टी 2016 विधानसभा चुनाव में संयुक्त डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ थी।

कोच्चिः देश के पांच राज्य में चुनाव है। केरल में भी अप्रैल-मई में चुनाव होगा। यहां पर मुख्य मुकाबला एलडीएफ और यूडीएफ के बीच है। केरल में विधानसभा चुनाव से पहले एलडीएफ को करारा झटका लगा है। 

सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) गठबंधन के सहयोगियों में से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) केरल में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ही अलग हो गई है। केरल एनसीपी नेता और कोट्टायम में पाला विधानसभा से विधायक मणि सी कप्पन ने कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले संयुक्त डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) में शामिल होने की घोषणा की।

विवाद का कारण कुछ और है। एलडीएफ ने विधानसभा सीट पाला केरल कांग्रेस पार्टी को दे दी है। केरल कांग्रेस पार्टी 2016 विधानसभा चुनाव में संयुक्त डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ थी, लेकिन कुछ दिन पहले पुराने गठबंधन को तोड़कर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा में शामिल हो गई। 

2019 उपचुनाव में मणि सी कप्पन ने पाला सीट पर जीत दर्ज किया था

2019 उपचुनाव में मणि सी कप्पन ने पाला सीट पर जीत दर्ज किया था। एलडीएफ ने कथित तौर पर आगामी विधानसभा चुनावों में जोस के मणि की अगुवाई में केरल कांग्रेस (एम) को सीट सौंपने का फैसला किया है। मोर्चे के प्रमुख एवं विधायक मणी सी कप्पन ने कहा कि जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला के नेतृत्व में ‘एश्वर्य केरला’ यात्रा रविवार को कोट्टायम जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र पाला में पहुंचेगी तो वह उसमें शामिल होंगे।

कप्पन ने 2019 में हुए उपचुनाव में एलडीएफ उम्मीदवार के तौर पर पाला सीट से जीत दर्ज की थी। उन्होंने राकांपा के सात जिला अध्यक्षों और नौ राज्य पदाधिकारियों के समर्थन का दावा किया। उन्होंने यह विद्रोह पाला विधानसभा सीट को कथित तौर पर माकपा द्वारा केरल कांग्रेस (एम) को देने के कदम के बाद किया। इस दल की अगुवाई जोस के मणी कर रहे हैं।

मणी ने यूडीएफ के साथ अपने पुराने संबंध समाप्त करते हुए हाल ही में सत्तारूढ़ दल का दामन थाम लिया था। कप्पन ने उम्मीद जताई की यूडीएफ उनके धड़े को अपने में शामिल करेगा। केरल के परिवहन मंत्री एवं राकांपा के प्रतिद्वंद्वी धड़े के मुखिया ए के शशींद्रन ने कप्पन के यूडीएफ में शामिल होने के कदम की निंदा की और कहा कि उन्होंने पाला की जनता के साथ अन्याय किया है, जिन्होंने उन्हें जिताया था। राकांपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

केरल: तीन बार विधायक रह चुके नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में भाकपा नहीं देगी टिकट

केरल में भाकपा के जो सदस्य विधानसभा के लिए तीन बार निर्वाचित हो चुके हैं, उन्हें आगामी चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा क्योंकि पार्टी युवाओं को मौका देना चाहती है। पार्टी की ओर से कहा गया कि शुक्रवार को भाकपा की यहां हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।

केरल की एलडीएफ सरकार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एक बड़ी साझेदार है। भाकपा के प्रदेश सचिव कनम राजेंद्रन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने तीन कार्यकाल की नीति का कड़ाई से पालन करने का निर्णय लिया है। युवाओं को अवसर देने के लिए यह निर्णय लिया गया है और इसमें छूट नहीं दी जाएगी।’’

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