कश्मीर को एक कारागार बना दिया गया है, सबसे पहले कश्मीरी लोगों को खुली हवा में सांस लेना चाहिएः वाइको

By भाषा | Published: September 16, 2019 08:18 PM2019-09-16T20:18:02+5:302019-09-16T20:18:02+5:30

एमडीएमके प्रमुख ने कहा कि उनके अधिवक्ता अजमल खान ने शीर्ष अदालत के सामने “आश्चर्यजनक और अकाट्य सबूत” रखे। एक सवाल के जवाब में वाइको ने कहा, “कश्मीर को एक कारागार बना दिया गया है। सबसे पहले कश्मीरी लोगों को खुली हवा में सांस लेना चाहिए। ये पहला लक्ष्य है। मैं उचित समय पर फारूक अब्दुल्ला के श्रीनगर स्थित घर पर उनसे मिलने जाऊंगा।”

Kashmir has been made a prison, first of all Kashmiri people should breathe in open air: Vaiko | कश्मीर को एक कारागार बना दिया गया है, सबसे पहले कश्मीरी लोगों को खुली हवा में सांस लेना चाहिएः वाइको

शीर्ष अदालत ने वाइको की याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा।

Highlightsशीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्याायलय में न्याय होगा।”हालांकि अब्दुल्ला से संपर्क नहीं हो सका और उनके ठिकाने का पता भी नहीं चल सका।

मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) प्रमुख वाइको ने सोमवार को आरोप लगाया कि कश्मीर को एक जेल में बदल दिया गया है और कहा कि वह उचित समय आने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला से मिलने जाएंगे, जो इस समय नजरबंद हैं।

इससे पहले वाइको ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा था कि अब्दुल्ला को न्यायालय के सामने पेश किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि इस याचिका पर 30 सितंबर को सुनवाई होगी।

एमडीएमके प्रमुख ने कहा कि उनके अधिवक्ता अजमल खान ने शीर्ष अदालत के सामने “आश्चर्यजनक और अकाट्य सबूत” रखे। एक सवाल के जवाब में वाइको ने कहा, “कश्मीर को एक कारागार बना दिया गया है। सबसे पहले कश्मीरी लोगों को खुली हवा में सांस लेना चाहिए। ये पहला लक्ष्य है। मैं उचित समय पर फारूक अब्दुल्ला के श्रीनगर स्थित घर पर उनसे मिलने जाऊंगा।”

शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्याायलय में न्याय होगा।” उनके अधिवक्ता ने न्यायालय में कहा कि अब्दुल्ला को पार्टी के एक सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था और उन्होंने आने की सहमति भी दी थी।

हालांकि अब्दुल्ला से संपर्क नहीं हो सका और उनके ठिकाने का पता भी नहीं चल सका। इससे पहले दिन में शीर्ष अदालत ने वाइको की याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा। फारूक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है। 

Web Title: Kashmir has been made a prison, first of all Kashmiri people should breathe in open air: Vaiko

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