कर्नाटक पंचायत चुनाव: कांग्रेस-भाजपा में ठनी, सिद्धारमैया ने राज्य निर्वाचन आयोग के रवैये पर उठाए सवाल

By गुणातीत ओझा | Published: May 23, 2020 01:24 PM2020-05-23T13:24:54+5:302020-05-23T13:24:54+5:30

कर्नाटक में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर सियासत तेज होने लगी है। भाजपा चाहती है चुनाव स्थिगत कर दिए जाएं और कांग्रेस का मानना है कि चुनाव होना चाहिए। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग अभी किसी नजीते पर नहीं आ पाया है।

Karnataka Panchayat election: Poll panel weighs options as Cong attacks BJP | कर्नाटक पंचायत चुनाव: कांग्रेस-भाजपा में ठनी, सिद्धारमैया ने राज्य निर्वाचन आयोग के रवैये पर उठाए सवाल

कर्नाटक पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने।

Highlightsकर्नाटक में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए भाजपा ने चुनाव को स्थगित करने की मांग की है।राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने शुक्रवार (22 मई) को सभी उपायुक्तों से सुझाव मांगे कि ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने चाहिए या नहीं।

बेंगलुरु।कर्नाटक में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए भाजपा ने चुनाव को स्थगित करने की मांग की है। भाजपा की इस मांग पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज की है। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने शुक्रवार (22 मई) को सभी उपायुक्तों से सुझाव मांगे कि ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने चाहिए या नहीं।

कर्नाटक में 6,025 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जून-जुलाई तक समाप्त हो रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्य निर्वाचन आयोग से कोरोना संकट के कारण चुनाव स्थगित करने के लिए कहा है, जिससे विपक्षी कांग्रेस नाराज हो गई है। भाजपा यह भी चाह रही है कि पार्टी समर्थक लोगों को प्रशासनिक समितियों के सदस्य के रूप में नामित किया जाए, जो ग्राम पंचायतों का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकें। 

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि चुनाव कराने के अलावा हाल ही में कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज अधिनियम में संशोधन के अनुसार नए मतदाता सूचियों और नए आरक्षण रोस्टर को भी तैयार करना होगा। इस क्रम में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ विपक्ष के नेता सिद्धारमैया रमैया राज्य चुनाव आयोग से मिले, उन्होंने कहा, "ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक समितियां तभी नियुक्त की जा सकती हैं, जब चुनाव कराना संभव न हो या दो चुनावों के बाद भी कोई सदस्य निर्वाचित न हों।" "लेकिन हम ऐसी किसी भी स्थिति का सामना नहीं कर रहे हैं, इसलिए प्रशासनिक समितियों को नियुक्त नहीं किया जा सकता है।"

सिद्धारमैया ने चुनाव आयोग के घेरते हुए कहा, "चुनावी प्रक्रिया शुरू करने, मौजूदा ग्राम पंचायत सदस्यों को बदलने की दिशा में राज्य निर्वाचन आयोग का रवैया असंवैधानिक है और कर्नाटक पंचायत राज अधिनियम के प्रावधानों का भी उल्लंघन करती है।"

वहीं, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव किसी भी दल या उनके प्रतीकों के बिना लड़े जाते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा “भाजपा कार्यकर्ताओं को पंचायतों में नियुक्त करके लोकतंत्र को नष्ट क्यों करने पर तुले हैं? आप पंचायत राज प्रणाली का भगवाकरण नहीं कर सकते। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

Web Title: Karnataka Panchayat election: Poll panel weighs options as Cong attacks BJP

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