कुमारस्वामी और कांग्रेस में जुबानी जंग, एचडी बोले- सीएम तो मैं था लेकिन खुद पिछली सीट पर बैठ कर राज्य में शासन कर रहे थे
By भाषा | Published: July 31, 2020 01:49 PM2020-07-31T13:49:39+5:302020-07-31T13:49:39+5:30
राजस्थान में राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ अभियान शुरू किया था और कुमारस्वामी द्वारा आलोचना किए जाने के बाद पूर्व गठबंधन सहयोगी दोनों दलों (कांग्रेस और जद-एस) ने कई ट्वीट कर एक दूसरे पर निशाना साधा।
बेंगलुरुः जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने बुधवार को कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए कहा कि वह (कांग्रेस) उनकी पार्टी के सामने झुकी और उन्हें कर्नाटक की गठबंधन सरकार का मुख्यमंत्री बना कर खुद पिछली सीट पर बैठ कर राज्य में शासन चला रही थी।
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती गठबंधन सरकार में शामिल रही कांग्रेस और जद (एस) के बीच इन दिनों जुबानी जंग चल रही है। कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने पार्टी के राष्ट्रव्यापी ‘लोकतंत्र बचाओ अभियान’ की निंदा करने को लेकर ट्विटर पर कुमारस्वामी पर हमला बोला।
इस पर, कुमारस्वामी ने जवाबी ट्वीट किया, ‘‘ पार्टी (कांग्रेस) के निष्ठावान समर्थक सीधे सवाल नहीं कर सकते हैं इसलिए सोशल मीडिया के जरिये हमला कर भाग जाते हैं।’’ उल्लेखनीय है कि राजस्थान में राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ अभियान शुरू किया था और कुमारस्वामी द्वारा आलोचना किए जाने के बाद पूर्व गठबंधन सहयोगी दोनों दलों (कांग्रेस और जद-एस) ने कई ट्वीट कर एक दूसरे पर निशाना साधा।
कांग्रेस ‘हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त)’ का दूसरा नाम है
जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी ‘लोकतंत्र बचाओ’ अभियान पर कहा कि कांग्रेस ‘हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त)’ का दूसरा नाम है। कांग्रेस जद (एस) के साथ कर्नाटक में इससे पहले सरकार में शामिल रह चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राजनीतिक पार्टियों को बांटने और विधायकों को खरीदने में माहिर है और उसकी वजह से ही ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ शब्द इस्तेमाल में आया। कुमारस्वामी ने पूछा, ‘‘कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ देशव्यापी लोकतंत्र बचाओ अभियान शुरू किया है जो लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है। कांग्रेस ने क्या किया?
राजस्थान में सरकार बनाने कि लिए समर्थन देने वाली बसपा के विधायकों को फुसला नहीं लिया। क्या यह खरीदारी नहीं है?’’ उन्होंने कहा कि उस पार्टी के विधायकों को अपनी तरफ लुभाना राजनीतिक धोखाधड़ी नहीं है, जिस पार्टी ने उन्हें सरकार में समर्थन दिया। क्या यह लोकतांत्रिक व्यवहार है?
पार्टी के विधायकों को छल से बांट रहे हैं तो आपको कौन समर्थन देगा?
उन्होंने कांग्रेस से पूछा, '' अगर आप समर्थन देने वाली एक जैसी विचार वाली पार्टी के विधायकों को छल से बांट रहे हैं तो आपको कौन समर्थन देगा? क्या यह गलतियां आपको नहीं दिख रही हैं? राजस्थान में उल्लेखनीय राजनीतिक घटनाक्रम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायक पिछले साल सितंबर में कांग्रेस के साथ विधायक दल में शामिल हो गए थे।
कुमारस्वामी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि पूर्व में पार्टी ने कर्नाटक में जद(एस) के विधायकों को भी बांटा है। उन्होंने कहा, ‘‘ क्या उन्होंने बांटने की कोशिश नहीं की है? क्या यह वास्तविकता नहीं है कि सिर्फ एक राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस ने कर्नाटक में जद(एस) के आठ विधायकों को खरीदा? क्या यह लोकतंत्र है?
उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियां खरीद-फरोख्त के अपराधी हैं। कर्नाटक में 2016 में राज्य सभा की सीट पर जद (एस) के आठ विधायकों ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ जाकर कांग्रेस को वोट दिया था। कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘ एस एम कृष्णा जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे तो क्या कांग्रेस ने हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश नहीं की थी।
क्या कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में हमारे विधायकों को खरीद कर सरकार बनाने का षडयंत्र नहीं रचा था। क्या कांग्रेस के पास इन सवालों के जवाब देने का नैतिक साहस है?’’ उन्होंने कहा कि दल-बदल कानून प्रभावी नहीं है इसलिए ये लोकतंत्र विरोधी चीजे होती हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा करना आवश्यक हो गया है कि जो दल बदल करें उन्हें अयोग्य ठहराने और पद से हटाने के अलावा उन्हें और उनके परिवार के ससदस्य को कम से कम दो बार चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ इस पर विमर्श शुरू होने दें, लोकतंत्र को जिंदा रहने दें।’’