कर्नाटक: CM एचडी कुमारस्वामी अगले हफ्ते कर सकते हैं मंत्रिमंडल विस्तार, कांग्रेसी अभी से बना रहे हैं दबाव
By भाषा | Published: October 3, 2018 08:50 PM2018-10-03T20:50:48+5:302018-10-03T20:50:48+5:30
कर्नाटक की कुल 224 विधान सभा सीटों में से बीजेपी के पास 104, कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 सीटें हैं। एक-एक सीट बसपा और केपीजेपी के पास है। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी।
बेंगलुरू, तीन अक्टूबर: कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी मंत्रिमंडल के अगले सप्ताह होने वाले बहु प्रतीक्षित विस्तार में जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के गठबंधन भागीदार कांग्रेस के दावेदारों ने मंत्री पद पाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
ऐसी खबरें हैं कि राज्य कांग्रेस के नेता सूची को अंतिम रूप देने के लिए कुछ दिनों में दिल्ली जाएंगे। इस बीच मंत्री पद पाने की आकांक्षा रखने वाले कुछ लोगों ने दबाव की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
भद्रावती से विधायक बी के संगमेश के समर्थकों ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के आवास के समक्ष अपने नेता को मंत्री पद दिये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
उन्होंने सिद्धारमैया एवं अन्य पार्टी नेताओं से संगमेश, जो कि शिवमोगा जिले से पार्टी के एकमात्र विधायक हैं, के नाम पर विचार करने को कहा। इस इलाके (शिवमोगा) को भाजपा के प्रदेश प्रमुख बी एस येदियुरप्पा के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है।
कर्नाटक की कुल 224 विधान सभा सीटों में से बीजेपी के पास 104, कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 सीटें हैं। एक-एक सीट बसपा और केपीजेपी के पास है। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी।
दावेदार कर्नाटक से आएंगे दिल्ली
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कई ऐसे दावेदार हैं जो राज्य पार्टी नेतृत्व पर दबाव बना रहे हैं और अपनी मांग को लेकर उनके जल्द दिल्ली जाने की संभावना है।
कांग्रेस एवं जेडीएस के बीच इस साल मई में हुए चुनाव पूर्व समझौते के बाद गठबंधन सरकार का यह दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार है।
इससे पूर्व छह जून को हुए विस्तार में कुमारस्वामी ने 25 मंत्रियों को शामिल किया था जिससे उनके मंत्रिमंडल की सदस्य संख्या बढ़कर 27 हो गयी थी।
मंत्रिमंडल में अभी कांग्रेस के छह तथा जेडीएस के एक नेता मंत्री बन सकते हैं। दोनों सत्तारूढ़ दलों के बीच हुए समझौते के तहत कांग्रेस के 22 और जदएस के 12 मंत्री होंगे।
मंत्रिमंडल के विस्तार का निर्णय ऐसी अटकलों के बीच आया है कि भाजपा कुछ असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को फुसला रही है। इसके अलावा पार्टी में कथित तौर पर गुटबाजी भी हो रही है।