कर्नाटक विधानसभा उपचुनावः 67.90 प्रतिशत मतदान, 15 सीट, 9 को मतगणना, भाजपा को हर हाल में 6 सीट जीतना जरूरी
By भाषा | Published: December 6, 2019 07:58 PM2019-12-06T19:58:44+5:302019-12-06T19:58:44+5:30
अधिकारियों ने बताया कि 25 लाख 65 हजार 252 मतदाताओं -- 13,10,344 पुरुष एवं 12,54,874 महिलाओं और 34 अन्य-- ने बृहस्पतिवार को मतदान किया जबकि कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान करने के लिए योग्य थे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार की किस्मत तय करने वाले पांच दिसंबर के विधानसभा उपचुनाव में कुल 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ।
चुनाव अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राज्य विधानसभा की 15 सीटों पर ये उपचुनाव कराए गए, जिनमें चार निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत तुलनात्मक रूप से कम रहा। अधिकारियों ने बताया कि 25 लाख 65 हजार 252 मतदाताओं -- 13,10,344 पुरुष एवं 12,54,874 महिलाओं और 34 अन्य-- ने बृहस्पतिवार को मतदान किया जबकि कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान करने के लिए योग्य थे। मतदान प्रतिशत 67.90 रहा।
अंतिम आंकड़ों के मुताबिक हसकोट में सर्वाधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया जो 90.90 प्रतिशत रहा। जबकि सबसे कम मतदान 46.74 के आर पुरम में दर्ज किया गया। शहर की जिन तीन अन्य सीटों पर तुलनात्मक रूप से कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया, उनमें महालक्ष्मी लेआउट (51.21 प्रतिशत), शिवाजीनगर (48.05 प्रतिशत) और यशवंतपुर (59.10 प्रतिशत) शामिल हैं।
भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हुए हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है। हालांकि, अब भी मास्की और आर आर नगर सीटें रिक्त रहेंगी। ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए कराए गए।
इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं। बसपा के भी एक विधायक हैं।
इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं। अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने अपना टिकट दिया। उपचुनाव लड़ने के लिए उच्चतम न्यायालय से इजाजत मिलने के बाद पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे। बृहस्पतिवार को जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो हुआ उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद (एस) का कब्जा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में ये उपचुनाव 21 अक्टूबर को होने थे लेकिन चुनाव आयोग ने इसे पांच दिसंबर के लिए टाल दिया। दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने अयोग्य करार दिए विधायकों की याचिकाओं की सुनवाई करने का फैसला किया था।