'पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अब ओछी राजनीति पर उतरीं, बीजेपी सांसद को पुलिस ने उनके घर में ही बंधक बनाया'
By रामदीप मिश्रा | Published: April 16, 2020 01:46 PM2020-04-16T13:46:03+5:302020-04-16T13:50:35+5:30
पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन सही तरीके से लागू नहीं होने से नाखुश राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।
कोलकाताः कोरोना वायरस को लेकर तीन मई तक समूचा देश लॉकडाउन है। अनावश्यक कार्य के लिए किसी को भी बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में इसी मामले को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आरोप लगा रही है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता घरों से बाहर निकल रहे हैं, तो बीजेपी के नेताओं को क्यों नहीं निकलने दिया जा रहा है।
बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, 'टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक जनता से मिल सकते हैं और घूम सकते हैं तो भाजपा के सांसद क्यों नहीं मिल सकते?'
उन्होंने आगे कहा, 'पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अब ओछी राजनीति पर उतर आई हैं। अलीपुरद्वार के बीजेपी सांसद जॉन बारला को पुलिस ने उनके घर में ही बंधक बना दिया। बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा! क्या इसलिए कि उनके काम से टीएमसी की लोकप्रियता का बंटाधार न हो जाए? जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा दुर्व्यवहार छी!'
#WB में @MamataOfficial अब ओछी राजनीति पर उतर आई हैं। अलीपुरद्वार के #BJP सांसद श्री @johnbarlabjp को पुलिस ने उनके घर में ही बंधक बना दिया। बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा!
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) April 16, 2020
क्या इसलिए कि उनके काम से #TMC की लोकप्रियता का बंटाधार न हो जाए?
जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा दुर्व्यवहार छी ! pic.twitter.com/K7v9RtN065
बीते दिन पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन सही तरीके से लागू नहीं होने से नाखुश राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। इसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन को सलाह दी थी कि इस संकट के समय वह राजनीति से दूर रहें।
राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। राज्य सरकार के अधीन पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी शत-प्रतिशत तरीके से सामाजिक दूरी कायम रखने या धार्मिक समागमों पर रोक लगाने में विफल रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। लॉकडाउन सफल होना चाहिए और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की जरूरत पर विचार होना चाहिए। राज्यपाल की टिप्पणी मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी और उन्होंने इसे राजनीति से जोड़ दिया।
वहीं, पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है। राज्य में मृतकों की संख्या अब भी सात ही है।